घटना के दूसरे दिन सोमवार को घटनास्थल पर पहुंचे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. घटना की जांच की ज़िम्मेदारी मंडी के डिवीजन कमिश्नर को सौंपी गई है.
अबतक चार शव बरामद कर लिए गए हैं. राहत और बचाव कार्य में आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ), एसएसबी और पुलिस के नौजवान लगे हुए हैं, लेकिन नदी में अधिक जलस्तर के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है.
स्थानीय पत्रकार अश्विनी शर्मा ने बताया कि इस मामले में एक एफ़आईआर भी दर्ज की गई है. संवाददाताओं से बातचीत में वीरभद्र सिंह ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ''हिमाचल प्रदेश में इतनी बड़ी दुखद घटना पहली बार हुई है. छात्रों के साथ जो टीचर्स आए थे उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए थी.''
हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी जोड़ा कि वो किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं. इस घटना में बच गए छात्रों ने बताया कि नदी के किनारे ना तो कोई साइन बोर्ड है और ना ही पानी छोड़ने के पहले न ही कोई सायरन की आवाज आई.
अश्विनी शर्मा के अनुसार, छात्रों के परिजनों को हैदराबाद से एक विशेष विमान से चंडीगढ़ लाया जा रहा है, जहां से उन्हें कुल्लू लाया जाएगा.
अश्विनी शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर दो सरकारी स्कूल भी हैं. स्कूल के छात्रों के परिजनों का कहना है कि बांध पर वार्निंग सिग्नल या तो बजता नहीं है या ऐसे बजता है कि किसी को भी खबर नहीं होती.
बच्चों को लेकर चिंता
परिजनों ने अपने बच्चों को लेकर भी चिंता व्यक्त की है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हैदराबाद में छात्रों के परिजनों ने विज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज के प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और कहा कि टूर से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई.
समाचार एजेंसी ने नालगोंडा के छात्र रामबाबू के पिता नाइक के हवाले से कहा है, ''मैंने अपने बेटे से पांच जून को बात की थी. उसने बताया कि कॉलेज प्रबंधन छात्रों को एक टूर पर ले जा रहा है, लेकिन यह स्टडी टूर है या पिकनिक ट्रिप, प्रबंधन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई.''
कॉलेज के द्वितीय वर्ष के 48 छात्रों का एक ग्रुप दो बसों में रविवार को हिमाचल प्रदेश में मंडी से 40 किलोमीटर दूर स्थित थालौट के समीप लारजी हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट के पास पहुंचा.
बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ छात्र ब्यास नदी के किनारे फ़ोटोग्राफी कर रहे थे उसी समय बांध से पानी छोड़ दिया गया और एक टूर ऑपरेटर समेत 25 छात्र-छात्राएं तेज धारा में बह गए.
International News inextlive from World News Desk