शादी का कारोबार केवल ब्रिटेन में दस अरब यूरो का है, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि शादी के क्षेत्र में तकनीक को बढ़ावा देने वाली कंपनियां इस तेज़ी से विकसित हो रहे बाज़ार को लेकर कितनी बेताब हैं.

शादी के क्षेत्र में जहां परंपराओं का बोलबाला है, वहां छोटे कारोबारी बदलाव का रास्ता खोल रहे हैं.

बीबीसी ने ब्राइड-टू-बी की इला विलियम्सन से पूछा कि शादियां कितनी हाई-टेक हो सकती हैं?

छवि ही सबकुछ है

हाई-टेक शादियां: पंडित और बारातियों की जगह ले रहे रोबोटपिछले एक साल में फ़ैशन और टेक्नोलॉजी का अद्भुत तालमेल हुआ है.

मॉडल डिटा वॉन को दुनिया की पहली थ्री-डी प्रिंटेड कपड़ों में देखा गया, तो गायक निकोल शर्ज़नेगर को एलईडी लाइट्स वाले कपड़ों में अपने प्रदर्शन के बारे में ट्वीट्स करते देखा गया.

तो क्या यह संभव है कि लोग विवाह के लिए ऐसे कपड़े खरीदें जो उनके चाहने वालों की शुभकामनाएं ज़ाहिर करती हों?

ट्विटर ड्रेस की निर्माता कंपनी 'क्यूट सर्किट' ने साफ़ तौर पर कहा कि वह इस तरह के काम के लिए तैयार है.

फ्रैंसेस्का रोज़ेला कहते हैं, ''हमने शादी के लिए चाँदी के रेशे वाले कपड़े बनवाए हैं जो जोड़े के चुंबन के मौके पर उनके बीच रिश्ता जोड़ता है. इसके साथ-साथ यह रिश्तों के बीच की चमक के निजी संदेश को भी ज़ाहिर करता है."

शादी के दौरान सिर पर टोपी पहनने के पुराने तौर-तरीके में तकनीक के कारण काफ़ी बदलाव आए हैं. बेल्जियम की थ्री-डी प्रिंटेड फर्म आई-मैटेरियलाइज़ ने शादी के मौके पर पहनी जाने वाली टोपियों की डिजाइन पर केंद्रित प्रतिस्पर्धा का आयोजन पिछले साल किया था.

उन्होंने इसके लिए लैब बनाई है, जहां वो लोगों की पसंद के मुताबिक़ डिज़ायनदार ड्रेस बनाते हैं. वहां लोग ख़ुद अपनी पसंद के डिज़ाइन सुझा सकते हैं, जिसके बाद लैब में टोपियां भी बनाई जाती हैं.

शादी का निमंत्रण

हाई-टेक शादियां: पंडित और बारातियों की जगह ले रहे रोबोटमौजूदा वक्त में हक़ीक़त और वर्चुअल दुनिया के साझे इस्तेमाल से मेहमानों को निमंत्रण देना काफ़ी आसान हो गया है.

इसकी प्रक्रिया बहुत सीधी सी है. अपना वीडियो बनाइए और एमपी-4 फ़ाइल बनाने वाली वेडिंग कंपनी को भेज दीजिए. कंपनी शादी का ऐसा कार्ड बनाएगी, जिसे मेहमान स्मार्टफ़ोन, टैबेलेट पर पढ़ सकेंगे.

तकनीक का समर्थन करने वालों का दावा है कि शादी की इस तकनीक को लोकप्रिय होने में सालों लगेंगे. लेकिन एक व्यवसायी का कहना है कि शादी का उद्योग काफ़ी परिपक्व हो गया है.

स्टूप्रिंट डॉट कॉम के प्रबंध निदेशक क्रिस ह्यूग्स ने बीबीसी को बताया, "18 महीने पहले इस रियलिटी प्रिंटिंग तकनीक की धीमी शुरुआत हुई थी. यह तेज़ी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है. इसके विस्तार के पीछे स्मार्ट फ़ोन के बढ़ते उपभोक्ताओं, 4-जी नेटवर्क और विज्ञापन अभियानों का बड़ा हाथ है."

रोबोटिक रोमांस

जापानी पति-पत्नी तोमोहिरो शिबाता और सातोको का मानना है कि कोई भी  आधुनिक शादी रोबोट के बग़ैर संभव नहीं है. साल 2010 में हुई इस जोड़े की शादी में आई-फ़ेरी नाम के रोबोट का खास योगदान था. इस रोबोट की क़ीमत तब 46,000 हज़ार यूरो थी.

साल 2014 तक रोबोट के माध्यम से शादी और ज़्यादा लोगो तक उपलब्ध हो जाएगी. इस बीच 'वेडिंगबोट ऑस्कर' रोबोट की लांचिंग के चलते लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है.

"मैं ख़ासतौर पर जीपीएस के ऊफर भरोसा नहीं करुंगा. वर्तमान में उपलब्ध तकनीक के अनुसार रिंग में ऐसी बैटरी लगाना संभव नहीं है, जो लंबे समय तक चले."

-बेंजामिन कोक्स, अमरीका के इंजीनियर

ऑस्कर दो फीट का रोबोट है. यह पुरोहित, दुल्हन के सहायक के साथ-साथ मेहमान की भी भूमिका निभा सकता है.

इस रोबोट के आविष्कारक जॉन शिमिंग ने बताया, "जब मैने साल 2012 में पहला होम-मेड रोबोट बनाया तो मेरे दोस्त मार्क और सारा शादी के मौके पर उसकी उपस्थिति को लेकर मज़ाक कर रहे थे."

मैनें उनसे कहा, "मैं एक परंपरागत रोबोट बना रहा हूं. अगर इसकी विशेषताओं का विस्तार किया जाए तो अन्य लोग भी रोबोट की सेवाएं लेने में रुचि लेंगे."

आई थ्री ट्रैकर

हाई-टेक शादियां: पंडित और बारातियों की जगह ले रहे रोबोटब्राजील के 'ब्वॉय फ्रेण्ड ट्रैकर' को आठ सप्ताह में 50,000 लोगों ने डाउनलोड किया था. इससे पता चलता है कि लोग अपने साथी की गतिविधियों के बारे में जानना चाहते हैं. यह ऐप हैण्डसेट रखने वाले की जीपीएस लोकेशन के बारे में एसएमएस के माध्यम से अपडेट्स देता है.

लोगों में इस बात को लेकर भी कौतूहल है कि जीपीएस-चिप वाली शादी की अंगूठी बाज़ार में कब आ रही है?

अमरीका के इंजीनियर बेंजामिन कोक्स ने अपनी पत्नी के लिए एलईडी लाइट्स वाली ऐसी इंगेजमेंट रिंग बनाई है, जिसमें विशेषतौर पर बने ट्रांसमीटर लगे हैं जो समीप होने पर चमक उठते हैं.

लेकिन उनको इसके 'फ़ाइण्ड माय स्पाउस' यानी साथी का पता देने वाली ख़ासियत पर संदेह है.

उन्होंने कहा,"मैं ख़ासतौर पर जीपीएस पर भरोसा नहीं करुंगा. वर्तमान में उपलब्ध तकनीक से शादी की अंगूठी में ऐसी बैटरी लगाना संभव नहीं है, जो लंबे समय तक चले."

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