नशे का अड्डा बना
दरअसल सोनहत में हसदो नदी के पास पोस्टमार्टम करने के लिए एक प्रॉपर मॉर्चरी बनवाई गई थी। गांववालों ने बताया कि इस मॉर्चरी की प्रशासन ने ठीक से देखभाल नहीं की जिसकी वजह से कुछ लोगों ने इसको अपने नशे का अड्डा बना लिया। यही नहीं इन असमाजिक तत्वों ने मॉर्चरी की छत और लाश रखने वाले चबूतरे तक को तोड़ डाला। यही वजह है कि अब डॉक्टर्स खुले मैदान में पेड़ के नीचे पोस्टमार्टम करने को मजबूर है।
बारिश में होती मुश्किल
सोनहत में करीब 104 गांवों से लोग लाशों के पोस्टमार्टम कराने आते हैं। डाक्टर्स ने बताया कि भयंकर गर्मी में भी लाशों का पोस्टमार्टम खुले में करवाना पड़ता है। उनका कहना है कि तपती गर्मा में तो किसी तरह लाशों का पोस्टमार्टम कर दिया जाता है लेकिन सबसे ज्यादा मुसीबत बारिश के मौसम में आती है। बारिश के दौरान उनके लिए लाशों का पोस्टमार्टम करना बिलकुल संभव नहीं होता है।
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