रांची (एएनआई)। Hemant Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शपथ लेने के पांच महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के फिर से मुख्यमंत्री बनने की संभावना बन गई है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने हेमंत सोरेन को नेता चुना है। हेमंत सोरेन को बुधवार 3 जुलाई को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के गठबंधन के विधायकों और नेताओं के बीच आम सहमति के बाद विधायक दल का नेता चुना गया। इससे पहले 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
दीपक प्रकाश ने साधा निशाना
वहीं मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए भाजपा के राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि एक बार फिर राज्य में परिवारवाद पर आधारित सरकार होगी। इसीलिए अभी से लोग पूछ रहे हैं कि क्या राज्य में खनिज संपदा की फिर से लूट होगी, क्या फिर से शराब घोटाले होंगे, और क्या फिर से भूमि घोटाले की कहानियां होंगी। दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन के कार्यकाल के दौरान महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित घटनाएं सबसे अधिक थीं। उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव के करीब आने पर राज्य की मौजूदा स्थिति से भयभीत हैं क्योंकि वह 81 में से 52 सीटों पर पीछे चल रहे हैं।
चंपई सोरेन एक सीधे-सादे नेता
आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन निश्चित रूप से डबल इंजन वाली सरकार बनाएगा। साथ ही उन्होंने आगे कहा, चंपई सोरेन एक सीधे-सादे नेता हैं। उन्होंने झारखंड आंदोलन के दौरान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनके शासन में कोई घोटाला नहीं हुआ। उनका क्या दोष था? उन्हें दूध में मक्खी की तरह फेंक दिया गया। चंपई सोरेन ने पांच महीने पहले झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जब तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। 28 जून को झारखंड हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर हेमंत सोरेन बिरसा मुंडा जेल से रिहा हुए।
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