कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Happy Republic Day 2021 Importance and Significance: भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और इस बार देश अपना 72 वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। भारतीय 200 वर्षों से ब्रिटिशों का उपनिवेश था और उसके बाद, यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष के बाद ब्रिटिश राज के शासन से स्वतंत्र हो गया। 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने फहरा कर 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की। एक ब्रिटिश उप निवेश से एक सम्प्रभुतापूर्ण, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना रही। यह लगभग 2 दशक पुरानी यात्रा थी जो 1930 में एक सपने के रूप में संकल्पित की गई और 1950 में इसे साकार किया गया।
क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस
जबकि भारत 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बना, मगर 26 जनवरी 1950 को देश गणतंत्र बना जब भारतीय संविधान प्रभावी हुआ। इस संविधान से भारत के नागरिकों को अपनी सरकार चुनकर स्वयं अपना शासन चलाने का अधिकार मिला। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला 5 मील की दूरी पर स्थित इर्विन स्टेडियम पहुंचा जहां उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। तब से ही इस ऐतिहासिक दिवस, 26 जनवरी को पूरे देश में एक त्यौहार की तरह और राष्ट्रीय भावना के साथ मनाया जाता है। इस दिन का अपना अलग महत्व है जब भारतीय संविधान को अपनाया गया था।
परेड का होता है आयोजन
हर वर्ष गणतंत्र दिवस पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, और राजधानी, नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के समीप रायसीना हिल्स से राजपथ पर गुजरते हुए इंडिया गेट तक और बाद में ऐतिहासिक लाल किले तक शानदार परेड का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करने के साथ आरंभ होता है, जो उन सभी सैनिकों की स्मृति में है जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन कुर्बान कर दिए। इसे शीघ्र बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है, राष्ट्रपति महोदय द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और राष्ट्रीय गान होता है। इस प्रकार परेड आरंभ होती है।
तीन दिन तक होता है आयोजन
गणतंत्र दिवस का आयोजन कुल मिलाकर तीन दिनों का होता है और 27 जनवरी को इंडिया गेट पर इस आयोजन के बाद प्रधानमंत्री की रैली में एनसीसी केडेट्स द्वारा विभिन्न चौंका देने वाले प्रदर्शन और ड्रिल किए जाते हैं। बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन घोषित करता है।
बीटिंग द रिट्रीट के साथ होता है समापन
हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को अर्थात गणतंत्र दिवस के बाद अर्थात गणतंत्र की तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट आयोजन किया जाता है। यह आयोजन तीन सेनाओं के एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड वादन से आरंभ होता है जो लोकप्रिय मार्चिंग धुनें बजाते हैं। इसके बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है, जब बैंड मास्टर राष्ट्रपति के समीप जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं। तब सूचित किया जाता है कि समापन समारोह पूरा हो गया है। बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन "सारे जहां से अच्छा" बजाते हैं। ठीक शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया जाता हैं तथा राष्ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता हैं।
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