कानपुर। कॉमेडियन औऱ एक्टर सुनील ग्रोवर आज घर घर में जाना पहचाना नाम है। उन्हें सबसे ज्यादा गुत्थी के के फिक्शनल नाम से रिक्गनाइज किया जाता जो उन्होंने एक फेमस कॉमेडी शो के लिए कैरी किया था। शो के होस्ट और ग्रोवर के बीच डिफरेंस के चलते, उन्होंने ये करेक्टर और शो दोनों छोड़ दिए पर गुत्थी आज भी सभी के दिमाग में बसी हुई है। फैंस आज भी मानते हैं कि उनका विवाद खत्म हो जायेगा और एक बार फिर वे इस करेक्टर में नजर आयेंगे।
फिल्में और लाइव शो
कॉमेडी शो से अलग होने के बाद सुनील ग्रोवर ने डिफरेंट इवेंटस और अवार्ड शो में अपने लाइव शो करके लोगों को एंटरटेन करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने गब्बर इज़ बैक और भारत जैसी फिल्मों में अक्षय कुमार और सलमान खान जैसे बड़े कलाकारों के साथ बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। इस सब ने उन्हें पहचान और कामयाबी दोनों दीं, पर ये सब इतना आसान भी नहीं था जितना लगता है।
संघर्ष की कहानी
मिड डे की एक रिपोर्ट में हृयूमन ऑफ मुंबई के एक इंस्टाग्राम पेज के हवाले से सुनील की जुबानी उनकी कहानी में बताया गया की स्सेज के इस मुकाम तक आने के लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया है। सुनील ने उन बाधाओं के बारे में बताया, जो उनके सामने आईं और कैसे उन्होंने अपने जीवन को हल्के में लिया जब तक कि चीजें बदतर नहीं होती गईं और उन्हें एक टफ रियल्टी चेक मिला। सुनील ने कहा कि उन्हें एक्टिंग बहुत पसंद है और उन्होंने थिएटर में मास्टर्स डिग्री भी ली है। उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे उन्हें कॉलेज के नाटक में भाग नहीं लेने के लिए कहा गया क्योंकि प्रिंसिपल ने सोचा कि यह दूसरों के साथ फेयर नहीं होगा। अपनी लाइफ की कई सच्चाइयों का खुलासा उन्होंने इस इंटरव्यू में किया है जिन्हें आप नीचे क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।
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“I was always good at acting & making people laugh. I remember in 12th grade I took part in a drama competition–the chief guest said that I shouldn’t participate, because it was unfair to the others! After I finished my masters in theatre, I came to Mumbai to act. But for the first year, I only partied. I lived in a posh area, using my savings & some money from home. I’d only earn around Rs.500 a month. But I thought I'd be successful soon. Eventually I realised that there were many like me, who were ‘superstars’ of their town & ‘strugglers’ here. Soon I had no income & was given a harsh reality check. I was demotivated. But I remembered how my dad wanted to be a radio announcer & even had an offer. But because my granddad was against it, he had to work at a bank & regretted it. I didn’t want to let my dreams go. So I picked up the pieces & rigorously looked for work. But the road was still rocky. Once I’d been selected to act in a TV show–we’d even shot for a few days. But when I stopped getting my time to come on set, I called the team–they said I’d been replaced. At the same time I also started getting work in voiceovers. So when I’d be rejected from TV & films, I had a cushion to fall back upon–something that most didn’t have. I realised how fortunate I was & regained my strength bit by bit. Around that time, I got offered to do a radio show. It was only going to be aired in Delhi, but when that show went live, it went viral! They decided to air it across India! After that, I got work in radio, TV & films. Soon ‘Gutthi’ happened & in no time, became a household name! I remember I was called on a live show & when I went on stage, the audience was roaring for me! I turned to make sure there wasn’t anyone else, whom they were clapping for–but it was all for me. It took several moments like that, to bring back that young boy in me, who used to think that he could conquer the world. The young boy who used to make sure that everyone around him was smiling & entertained. The young boy who didn’t let failures dim his dreams & overpower his need for victory. So even though I’ve come this far... this young boy has a long way to go.”
A post shared by Humans of Bombay (@officialhumansofbombay) on Jul 31, 2019 at 5:28am PDT
कई चीजों में आजमाया लक
इस मुकाम पर आने से पहले सुनील ने कई फील्ड में काम करके अपनी किस्मत आजमाई। उन्होंने पैरोडी क्विज शो, शो होस्टिंग, टेलिविजन शोज और कॉमेडी शोज सब किए। फिल्में भी कीं और यहां तक आये। सुनील के पिता चाहते थे कि वो रेडियो अनाउंसर बनें, वे उनके लिए ऐसा एक ऑफर भी लाये थे, पर उनके दादा जी ने उन्हें वो काम नहीं करने दिया। सुनील खुद भी अपना सपना नहीं छोड़ना चाहते थे पर वो पूरा करने के लिए अपने शाही लाइफ स्टाइल को छोड़ना बहुत बाद में सीख पाए।