नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत के दाएं हाथ के बल्लेबाज हनुमा विहारी के लिए सबसे संतुष्टि का पल वो है। जब वह किसी जरूरतमंद को ऑक्सीजन या बेड दिलवा देते हैं। कोरोना महामारी ने देश में एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है। ऐसे में लोग अब मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं और उनको तत्काल सहायता भी मिल रही। बस इसी मुहिम से हनुमा विहारी भी जुड़ गए। बहुत सारे भारतीय क्रिकेटरों ने इस लड़ाई में दान दिया है। मगर विहारी खुद काउंटी क्रिकेट के लिए यूके में रहते हुए सोशल मीडिया पर लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने 100 वालंटियर्स की एक टीम बनाई है, जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के दोस्त और फाॅलोवर्स शामिल हैं।
लोगों की हरसंभव मदद कर रहे विहारी
विहारी के दोस्त और फाॅलोवर्स प्लाज्मा, ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर लोगों तक पहुंचे हैं और मरीजों के लिए भोजन और अस्पताल के बिस्तर की व्यवस्था की है। 27 वर्षीय क्रिकेटर ने पीटीआई से खास बातचीत में कहा, "मैं खुद को महिमामंडित नहीं करना चाहता। मैं इसे जमीनी स्तर पर लोगों की मदद करने के इरादे से कर रहा हूं, जिन्हें वास्तव में इस कठिन समय में हर संभव मदद की जरूरत है। यह सिर्फ शुरुआत है।"
विहारी अप्रैल की शुरुआत में वारविकशायर के लिए इंग्लिश काउंटी में खेलने के लिए इंग्लैंड के लिए रवाना हुए और उम्मीद की जा रही है कि 3 जून को आने पर वे सीधे यूके में भारतीय टीम में शामिल होंगे।
प्लाज्मा, बेड और ऑक्सीजन की कर रहे व्यवस्था
हर भारतीय की तरह विहारी भी कोरोना से जूझ रहे लोगों की मदद करना चाहते हैं। विहारी ने कहा, "दूसरी लहर इतनी खतरनाक है कि बिस्तर प्राप्त करना मुश्किल हो गया और यह ऐसी चीज है जो अकल्पनीय है। इसलिए, मैंने अपने फाॅलोवर्स को वालंटियर्स के रूप में इस्तेमाल करने और लोगों की मदद करने का फैसला किया है।' विहारी आगे कहते हैं, 'मेरा लक्ष्य वास्तव में मुख्य रूप से उन लोगों तक पहुंचना है जो प्लाज्मा, बेड और आवश्यक चिकित्सा के लिए खर्च या व्यवस्था करने में सक्षम नहीं हैं। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। मैं भविष्य में और अधिक सेवा करना चाहूंगा।'
100 लोगों की बनाई है टीम
विहारी के लिए, जब संकट कॉल और मदद के लिए मैसेज आने लगे, तो वह मदद करने वालों का एक नेटवर्क बनाना चाहते थे और उन्हें वह समर्थन आम लोगों, अपने परिवार से मिला। विहारी कहते हैं, "मैंने अपनी टीम बनाई। यह अच्छे इरादों के बारे में है और लोग प्रेरित होते हैं और मेरी मदद के लिए आगे आते हैं। मेरे पास 100 लोगों का एक व्हाट्सएप ग्रुप है और यह उनकी कड़ी मेहनत है कि हम कुछ लोगों की मदद करने में सक्षम हैं।' विहारी ने ट्विटर पर इसकी शुरुआत की थी लेकिन उनकी टीम अब मदद के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों पर फैल गई है।
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