प्रदूषण को लेकर ऐसा फैसला
फ्रैंकफूर्ट ऍम मेन (एएफपी)। जर्मनी के हैम्बर्ग में अधिकारियों ने आज कहा कि वे हवा की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए शहर के दो प्रमुख इलाकों में कुछ डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। वहां की एक राज्य सरकार ने बुधवार को कोर्ट के फैसले का धन्यवाद करते हुए कहा, 'पुराने डीजल वाहनों के लिए ड्राइविंग सीमा जल्द ही तय की जायेगी।' मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अल्टोना जिले में स्थित 1,600 मीटर वाले स्ट्रेसमैनस्ट्रैस राजमार्ग को 31 मई से पुराने डीजल ट्रकों के लिए बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा जो भी डीजल संचालित ट्रक और कारें यूरो 6 उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं करती हैं तो उन्हें वहां 580 मीटर के सड़कों पर भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
एम्बुलेंस और कचरे के ट्रक को बैन नहीं किया
हालांकि डिलीवरी वाहनों, एम्बुलेंस और कचरे के ट्रक को फिलहाल बैन नहीं किया गया है। बता दें कि इस साल फरवरी के अंत में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए जर्मनी की शीर्ष प्रशासनिक अदालत ने सड़कों से कुछ पुराने डीजल पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। हालांकि सरकारी अधिकारियों ने प्रतिबंध लगाए बिना हवा की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए कई नए तरीकों पर भी काम करना शुरू कर दिया है। परिवहन मंत्री एंड्रियास शीयुएर ने बुधवार को ऑग्सबर्गर ऑल्गेमेइन अख़बार को बताया, 'हमारे पास वाहनों को बैन करने के अलावा हवा को साफ करने के कई उपाय हैं, जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देकर उनका इस्तेमा बढ़ाना।'
कार इंडस्ट्री पर पड़ेगा प्रभाव
बता दें कि जर्मनी का ऑटो उद्योग वहां लाखों लोगों को नौकरी देता है। डीजल पर प्रतिबंध का सीधा प्रभाव नौकरियों और कार इंडस्ट्री पर पड़ेगा। चांसलर मैर्केल की सरकार पर कार कंपनियों से करीबी रिश्ते रखने के आरोप लगते हैं। सरकार को लगता है कि डीजल पर प्रतिबंध लगाने से लाखों लोग नाराज होंगे और ट्रैफिक व्यवस्था लड़खड़ा जाएगी। यही वजह है कि देश में अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ्त करने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने पिछले हफ्ते कहा था, 'इस फैसले से हमारा उद्देश्य कार उद्योग को नुकसान पहुंचाना नहीं है, हम इसके जरिये देश में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाना चाहते हैं।'
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