ओबामा ने दी जानकारी
जानकारी है कि राष्ट्रपति की ओर से नए रक्षा मंत्री की घोषणा करने और इस पर सीनेट की मुहर लगने तक चक हेगल से अपने इस पद पर बने रहने के लिए कहा कहा गया है. वहीं बराक ओबामा ने संवाददाताओं से बताया कि करीब पिछले दो साल से अपना मजबूत सहयोग प्रदान करते हुए चक हेगल ने एक बेहतरीन रक्षा मंत्री का दायित्व निभाया है. उन्होंने बताया कि उनके समय में उन्होंने दीर्घकालीन खतरों का मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीति और बजट को अधुनिक रूप दिया और अब भी आईएसआईएस और इबोला जैसी चुनौतियों का वह बराबर जवाब दे रहे हैं. इसमें काफी हद तक सफल भी हो रहे हैं.  

ओबामा से क्या कहा था हेगल ने
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले महीने चक उनके पास राष्ट्रपति कार्यकाल में चर्चा के लिए आए थे. उस समय उन्होंने यह प्रतिबद्धता जताई थी कि इस बदलाव के जरिए विभाग को निर्देशित करते हुए अब समय आ गया है कि वह अपनी सेवा को खत्म कर दें. गौरतलब है कि इससे पहले ओबामा प्रशासन में रॉबर्ट गेट्स और  लियोन पेनेटा रक्षा मंत्री रह चुके हैं.

चक ने निभाई अहम भूमिका
वहीं ओबामा ने कहा कि हेगल ने रक्षा क्षेत्र में उनके प्रशासन की उपलब्धियों में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस एवज में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि आज वर्दी में हमारे पुरुष और महिलाएं इराक और सीरिया में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं. वह चक ही थे जिसने यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ बनाने में मदद की, कि दुनिया इस खतरे का मिलकर मुकाबला कर रही है.

क्या बोला हेगल ने
उधर, हेगल ने कहा कि पेंटागन में नए नेतृत्व होने का यह बिल्कुल सही समय है. उन्होंने यह भी कहा कि जैसा कि राष्ट्रपति ने बताया है, उन्होंने रक्षा मंत्री के तौर पर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है. रक्षा विभाग के पुरुषों और महिलाओं के साथ सेवा करने और उनके परिवारों का सहयोग करने, साथ ही उनका नेतृत्व करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है. इस दौरान उन्होंने जो भी उपलब्धियां हासिल कीं, उसको लेकर उन्हें बहुत गर्व है. एक रिपोर्ट के मुताबिक ओबामा आईएसआईएस के पैर पसारने सहित कई वैश्विक संकटों के मद्देनजर उनसे बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं थे.

बना रहे थे पर्रिकर से बात करने की योजना
एक जानकारी के अनुसार पूर्व रिपब्लिकन सीनेटर और वियतनाम युद्ध में शामिल हुए हेगल ने इराक युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई थी. इतना ही नहीं वह पेंटागन में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी तथा पेंटागन बजट के सीमित होने के मामले को संभालने के मकसद से पहुंचे थे. चक हेगल इस हफ्ते अपने भारतीय समकक्ष मनोहर पर्रिकर से विस्तार से बातचीत करने की योजना बना रहे थे. हाल ही में मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद से दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत के लिए उपयुक्त समय नहीं मिल पा रहा था, क्योंकि दोनों के कार्यक्रम बहुत व्यस्म थे. गौरतलब है कि पीए मोदी सरकार के पहले 100 दिनों के भीतर भारत का दौरा करने वाले ओबामा प्रशासन के कैबिनेट स्तर के तीन अधिकारियों में चक हेगल भी मुख्य रूप से शामिल थे.

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