दिमाग को हैक करने की तैयारी
कंप्यूटर और मोबाइल की हैकिंग के बाद हैकर्स ने इंसानी दिमाग को पढ़ने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। यानी कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है और आपको कौन-कौन से पिन या पासवर्ड याद है। सबकुछ हैक हो सकता है। अमेरिका में बर्मिंघम की अल्बामा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह नई जानकारी पता लगाई है। रिसचर्स का कहना है कि जो व्यक्ित इलेक्ट्रॉसिफैलोग्राफ (ईईजी) हैडसेट इस्तेमाल करता है, उसके लिए खतरा बढ़ने वाला है।
क्या है ईईजी हैडसेट
ईईजी काफी एडवांस हैडसेट्स है। इनको पहनकर यूजर अपने दिमाग से रोबोटिक खिलौनों और वीडियो गेम को कंट्रोल करते हैं। यह हैडसेट इंसान के दिमाग से चलते हैं। हालांकि यह काफी सहूलियत प्रदान करता है लेकिन अब इससे बड़ा खतरा सामने आया है।
कैसे किया जा सकता है हैक
रिसचर्स का कहना है कि, ईईजी हैडसेट पहने कोई व्यक्ित अगर वीडियो गेम बीच में ही रोक देता है। और यह हैडसेट पहने हुए बैंक खाते में लॉग इन करता है तो उस पर हैकिंग करने वाले किसी सॉफ्टवेयर द्वारा पासवड्र या अन्य संवेदनशील आंकड़े चोरी होने का खतरा पैदा हो जाता है। टाइप करते हुए यूजर के हाथों, आंखों और मस्तिष्क की नसों में गतिविधियां होती हैं। ये सभी गतिविधियां ईईजी हैडसेट्स में रिकॉर्ड हो जाती है। हैकिंग करने वाले साफ्टवेयर की इन रिकॉर्डों तक पहुंच संभव है।
स्टडी में यह पाया गया
वैज्ञानिकों की टीम ने यूजर्स को ऑनलाइन उपलब्ध एक ईईजी हैडसेट और वैज्ञानिक शोध के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले क्लिनिकल ग्रेड के हैडसेट का इस्तेमाल किया, ताकि यह दिखाया जा सके कि हैकिंग करने वाला साफ्टवेयर कितनी आसानी से यूजर के दिमाग में चलने वाली बातों का पता कर सकता है।
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