नई दिल्ली (एएनआई)। Guru Nanak Jayanti 2022 : देश में आज मंगलवार को गुरुनानक जयंती काफी धूमधाम से मनाई जा रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा, गुरु नानक देव जी की जयंती के पावन अवसर पर, मैं विदेशों में बसे सभी नागरिकों और भारतीयों, विशेषकर सिख समुदाय के भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई देती हूं। गुरु नानक देव जी ने एक ओंकार के संदेश में कहा कि ईश्वर एक है और सर्वव्यापक है। राष्ट्रपति ने कहा गुरु नानक देव जी ने हमें समाज में प्रेम, एकता और भाइचारे के साथ रहने की प्रेरणा दी। जपजी साहब में प्रेम, आस्था, सत्य, त्याग और नैतिक आचरण जैसे शाश्वत मूल्य विद्यमान हैं जिनसे हमें जीवन में सीख लेनी चाहिए। किरत करो, वंड छको जैसे उपदेशों से उन्होंने हमें ईमानदारी से जीने और मिल बांटकर सभी संसाधनों का उपभोग करने के लिये प्रेरित किया। राष्ट्रपति ने कहा, गुरु नानक देव जी ने यह भी संदेश दिया कि मनुष्य को विनम्र रहकर सेवाभाव से जीवन व्यतीत करना चाहिए। उनके विचारों को अपनाकर हम समाज में शांति, समानता और समृद्धि ला सकते हैं।

पीएम ने 553 वीं जयंती समारोह में भाग लिया
इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने आशा व्यक्त की कि श्री गुरु नानक देव की महान शिक्षाएं एक न्यायपूर्ण और दयालु समाज के निर्माण के हमारे प्रयास में हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी। इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में श्री गुरु नानक देव जी की 553 वीं जयंती समारोह में भाग लिया। गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपुरब के नाम से भी जाना जाता है, एक पवित्र त्योहार है जो सिख धर्म के पहले गुरु - गुरु नानक देव के जन्म का प्रतीक है। यह शुभ अवसर हर साल कार्तिक महीने या कार्तिक पूर्णिमा की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को प्रकाश उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।



अपना पूरा जीवन समानता के साथ बिताया

बचपन से ही ईश्वर को समर्पित, गुरु नानक देव शांतिप्रिय व्यक्ति थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन समानता और सहिष्णुता पर जोर देते हुए बिताया। उनका जन्म 1469 में राय भोई दी तलवंडी गांव में हुआ था, जिसे अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है, जो वर्तमान पाकिस्तान में लाहौर के पास है। गुरु नानक ने कई भजनों की रचना की, जिन्हें गुरु अर्जन द्वारा आदि ग्रंथ में एकत्र किया गया था। उन्होंने पूरे भारत में तीर्थ स्थलों का दौरा किया। गुरु ग्रंथ साहिब के मुख्य श्लोक बताते हैं कि ब्रह्मांड का निर्माता एक है। उनके छंद भी मानवता की निस्वार्थ सेवा का प्रचार करते हैं।

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