अगर हमें किसी से कपड़ा बनाने के लिए पॉलिस्टर सूत मिलता है, तो इस जॉब वर्क के लिए टैक्स क्या होगा? - पुनीत गर्ग
जवाब: यह जॉब वर्क फैब्रिक से जुड़ा है, इसलिए इस पर टैक्स की दर होगी 5 प्रतिशत।
ऐसे कपड़ों पर जीएसटी लागू करने का क्या कांसेप्ट है, जिसे सिंथेटिक धागे और कॉटन धागे से मिला कर बनाया गया है? – सईम अंसारी
जवाब: ऐसे कपड़ों को बेचने पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा, तब भी जब ऐसे कपड़े पर जॉब वर्क भी 5 प्रतिशत है। जीएसटी का कांसेप्ट यह है कि प्रत्येक सप्लाई में टैक्स वैल्यू एडिशन पर हो। जहां सूत से कपड़े बनाने के क्रम में कपड़े पर वैल्यू एड के लिए सिलाई या कढ़ाई का काम किया जाता है, वहां भी जीएसटी 5 प्रतिशत ही चार्ज किया जाएगा। बिना बुने हुए पर टैक्स का प्रतिशत 12 प्रतिशत होगा।
मैं जानना चाहता हूं कि ब्रांडेड अंडरगारमेंट या इनरवियर जैसे लोअर, टी-शर्ट और बरमूडा पर जीएसटी की रेट क्या होगी? – विजय गोयल
जवाब: जहां प्रति पीस वस्तु की कीमत 1000 होगी या कम होगी, वहां 5 प्रतिशत और जब 1000 रुपए से ज्यादा होगी तो जीएसटी की दर 12 प्रतिशत होगी।
क्या जीएसटी से घर महंगे हो जाएंगे? – पूजा शर्मा
जवाब: बिल्डर के लिए रेट 4.5 प्रतिशत से बढ़ कर 12 प्रतिशत हो जाएगा। इससे निश्चित रूप से लागत बढ़ेगी। यहां फ्री इनपुट क्रेडिट का लाभ मिलेगा, जिससे लागत कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि इनपुट क्रेडिट्स के संबंध में बनाए गए नियम अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैै, इसमें अभी और स्पष्टीकरण की जरूरत है। अगर यह स्पष्टीकरण बिल्डर्स के पक्ष में नहीं होते हैं, तो निश्चय ही घर की कीमत बढ़ेगी।
GST अपडेट: जनरल स्टोर्स पर लगेगा 1% टैक्स, जानें कैसे मिलेगा यह फायदा
जीएसटी से एक्सपोटर्स को क्या फायदा होगा? – अतुल सेठ
जवाब: वर्तमान टैक्स सिस्टम के तहत एक्सपोर्ट टैक्सेबल नहीं है। जीएसटी लागू होने के बाद भी यह टैक्सेबल नहीं होगा। जहां तक फायदे की बात है तो यह बहुत अनुकूल नहीं होगा, क्योंकि रिफंड के लिए एक टैक्स की ही जरूरत पड़ेगी। हालांकि इसका फायदा एक्सपोटर्स को इस रूप में मिलेगा कि उन्हें केवल एक ही लॉ को समझने की जरूरत होगी।
'जीएसटी’ को लेकर अपने सारे कन्फ्यूजन यहां करें दूर
छोटे इंटरप्रेन्योर और छोटे दुकानदारों के लिए जीएसटी कैसे फायदेमंद है? – राकेश मल्होत्रा
जवाब: शुरुआत में छोटे इंटरप्रेन्योर और दुकानदार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, उन्हें नुकसान भी हो सकता है। हालांकि आगे इसके कई फायदे हो सकते हैैं-
- क्रेडिट का फ्री फ्लो कॉस्ट कम कर सकता है।
- टेक्नोलॉजी के प्रयोग से क्षमता बढ़ सकती है और वेस्टेज कम हो सकता है।
- एक्सपेंशन का भी ज्यादा स्कोप होगा क्योंकि जीएसटी टैक्सेशन के दौर में यह पारदर्शी होगा और कंप्लाइंस का कम डर रहेगा।
जीएसटी से जुड़े अपने सवाल हमें मेल करें: features@inext.co.in पर।
लॉकर में हुई चोरी तो बैंक नहीं होता जिम्मेदार, जानें बैंक लॉकर से जुड़ी हर बात
Business News inextlive from Business News Desk
Business News inextlive from Business News Desk