गोरखपुर (ब्यूरो)।वहीं, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज के ब्लॉक क्रिटिकल जोन में पहुंच चुके हैं. बढ़ती पॉपुलेशन और अर्बनाइजेशन के कारण वाटर लेवल दिन-प्रतिदिन नीचे जा रहा है. गोरखपुराइट्स के लिए फिलहाल गुड न्यूज है, क्योंकि यहां के सभी ब्लॉक अभी सेफ जोन में हैं.

4 कैटेगरी में हुआ असेसमेंट

ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट की ओर से 4 कैटेगरी में ग्राउंड वाटर का असेसमेंट किया जाता है. इनका प्री-मानसून और पोस्ट-मानसून असेसमेंट करके इन्हें सेफ, सेमी क्रिटिकल, क्रिटिकल और ओवर एक्सप्लॉइटेड कैटेगरी में बांटा जाता है.

ओवर एक्सप्लॉइटेशन से नुकसान

ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो कोई भी ब्लॉक अगर ओवर एक्सप्लॉयटेशन की कैटेगरी में है तो वहां पानी के कॉमर्शियल यूज के लिए एनओसी नहीं मिलेगी. इसके साथ ही वहां पर बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग के मैप भी पास नहीं होगा.

इन फैक्टर्स पर होता है असेसमेंट

सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की ओर से ग्राउंड वाटर का असेसमेंट कई फैक्टर्स पर होता है. इसमें वाटर लेवल, तालाबों की संख्या, वॉटर रिचार्ज फैक्टर, एक्सप्लॉइटेशन, एग्रीकल्चर यूज, एवरेज रेनफॉल, हार्वेस्टिंग सिस्टम, इंडस्ट्रीज आदि शामिल हैं.

ओवर एक्सप्लॉइटेड जोन में ये सिटी

आगरा

प्रयागराज

बरेली

बुलंदशहर

लखनऊ

मुरादाबाद

गाजियाबाद

वाराणसी

क्रिटिकल जोन में इन जिलों के ब्लॉक

जिला - ब्लॉक

कानपुर - 13

प्रयागराज - 9

वाराणसी - 2

मेरठ - 5

आगरा - 4

बरेली - 4

जिलावार क्रिटिकल यूनिट

जिला - यूनिट

आगरा - 2

कानपुर नगर - 2

मेरठ - 2

प्रयागराज - 2

वाराणसी - 2

रामगढ़ताल की वजह से गोरखपुर सेफ

ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट गोरखपुर के टेक्निकल असिस्टेंट दिनेश जायसवाल ने बताया, पिछले कुछ वर्षों में हुई अच्छी बारिश के कारण गोरखपुर के सभी ब्लॉक अभी सेफ जोन में हैं. अभी सिटी में एवरेज वाटर लेवल 5 से 6 मीटर है. वहीं, रूरल एरिया में 2.5 से 3 मीटर है. रामगढ़ताल और राप्ती नदी के होने की वजह से यहां पानी लंबे समय तक रहता है. गोरखपुर में कच्चे एरिया ज्यादा होने की वजह से यहां पानी काफी आसानी से रिचार्ज हो जाता है.

2022 में गोरखपुर का वाटर लेवल

जगह प्री-मानसून पोस्ट मॉनसून

नौसढ़ 6 1.65

मंडी परिषद 6.85 3.25

हंसुपुर 9.05 5.95

पीआरडीटी सेंटर 4.70 1.64

सिक्टौर 7.05 5.10

बडग़ो 5.70 1.45

(नोट - यह डाटा मीटर में है)

वाटर लेवल गिरने की वजह

- तेजी से बढ़ती पॉपुलेशन.

- एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रीज में पानी का एक्सेस यूज

- जरूरत से कम बारिश होना.

- अर्बनाइजेशन का बढऩा.

- तालाबों की कमी या सही से देख-रेख नहीं हो पाना.

पिछले कुछ वर्षों में हुई अच्छी बारिश के चलते शहर का वाटर लेवल अभी सेफ जोन में है. यहां पर कच्ची जमीन ज्यादा होने की वजह से पानी तेजी से रिचार्ज होता है. रामगढ़ताल और राप्ती नदी की वजह से भी यहां पानी रुकता है.

विश्वजीत सिंह, एक्सईएन, ग्राउंड वॉटर डिपार्टमेंट, गोरखपुर

National News inextlive from India News Desk