सिडनी (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल का मानना है कि COVID-19 महामारी के मद्देनजर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) द्वारा लगाया गया लार प्रतिबंध, गेंदबाजों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि वे अभी भी गेंद चमका सकते हैं। सिडनी मार्निंग हेराल्ड ने चैपल के हवाले से लिखा, 'गेंदबाजों के पास अभी पसीने का ऑप्शन है। यदि वे अपने माथे से पसीना पोंछ रहे हैं, तो वहां सनस्क्रीन है। लार का उपयोग करने के लिए कुछ न कुछ चबाना पड़ता है। मुझे नहीं पता कि क्या यह इतना बड़ा मामला है। पसीना निकलना लार के बराबर होगा। ईमानदारी से कहूं तो मुझे इसमें अंतर नहीं दिखता।'
कंगारु गेंदबाजों को नहीं आएगी दिक्कत
2005 से 2007 के बीच भारत के मुख्य कोच के रूप में कार्य करने वाले चैपल ने आगे कहा कि लार प्रतिबंध का ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों पर कम से कम प्रभाव पड़ेगा। चैपल कहते हैं, "उनमें से कोई भी बड़े स्विंगर्स नहीं हैं- स्टार्क को कुछ रिवर्स स्विंग मिल सकती है। यहां बात सिर्फ गति और उछाल की है। मुझे नहीं लगता कि हम एक बड़ा अंतर देखेंगे।' पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने आगे कहा कि कृत्रिम मोम, जैसा कि कूकाबूरा द्वारा विकसित किया जा रहा है, उसकी गेंदबाजों की जरूरत नहीं होगी। चैपल ने कहा, "गेंदबाज काफी आविष्कारशील होते हैं। अगर उन्हें गेंद पर पसीना आ सकता है, तो उन्हें चमक मिलेगी।'
लार लगाने पर 5 रन की है पेनाल्टी
नए आईसीसी नियमों के अनुसार, खिलाड़ियों को लार का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई गेंदबाज ऐसा करता है तो अंपायर उसे चेतावनी देगा। प्रति पारी दो बार चेतावनी मिलने के बादवजूद बार-बार गेंद पर लार का उपयोग जारी रहा तो फील्डिंग टीम पर पेनाल्टी के रूप में बल्लेबाजी पक्ष को 5 रन अतिरिक्त दे दिया जाएगा। बता दें कोरोना वायरस के बीच पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज के बीच खेला जाएगा। ये मैच बंद दरवाजे के पीछे होंगे जिसकी शुरुआत 8 जुलाई से होगी।
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