सीलबंद लिफाफे में बंद होगें नाम
केंद्र सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट को ब्लैक मनी वाले नामों की लिस्ट को खोलने का मन बना लिया है. इस मामले की जांच में जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिल चुके हैं, ऐसे लोगों के नाम सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सौंपे जायेंगे. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने मंत्रियों के लिये सोमवार को दिये डिनर में उनसे कहा था कि जिन लोगों के खिलाफ जांच निर्णायक स्थिति में पहुंच गई है, सरकार उनके नाम सुप्रीम कोर्ट को बतायेगी.
136 लोगों के नाम होंगे शामिल
शीर्ष सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले में 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में पूरक शपथ पत्र दाखिल करेगी, जिसमें नामों को सीलबंद लिफाफे में देने की योजना के बारे में अदालत को सूचना देगी. पीएम नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मंत्रणा के बाद सरकार ने यह कदम उठाने का डिसीजन लिया है. पहली लिस्ट में यूरापीय देशों की सरकारों के द्वारा उपलब्ध कराये गये 800 में से 136 लोगों के नाम शामिल होंगे.
पहले किया था इंकार
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करके कहा था कि वह विदेश में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नाम दोहरे कराधान बचाव समझौते कह वजह से उजागर नहीं कर सकते. सरकार का यह भी कहना था कि ऐसा करने से संधि का उल्लंघन होगा. इसके बाद बीजेपी के भीतर भी चर्चाओं में नेताओं ने कहा था कि नाम नहीं उजागर करने से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचेगा. पार्टी ने इस साल हुये आम चुनाव में ब्लैक मनी के मु्द्दे को जोर-शोर से उठाया था और इसे वापस लाने का वादा किया था. हालांकि सूत्रों का कहना है कि स्विट्जरलैंड और दूसरे देशों से हुई संधि कोर्ट में उन लोगों के नाम बताने से नहीं रोकती है, जिनके खिलाफ जांच में मजबूत सबूत मिल चुके हों.
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