नई दिल्ली (पीटीआई)। सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईएस) ने जाइडस कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। कैडिला के वैक्सीन को इमर्जेंसी इस्तेमाल के लिए इजाजत दी गई है। नोवल कोरोना वायरस की यह वैक्सीन तीन डोज वाली होगी।
50 से अधिक केंद्रों पर क्लीनिकल ट्रायल
जाइडस कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी देने के बाद फाइनल अप्रूवल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पास भेज दिया गया है। अहमदाबाद स्थित फर्मा कंपनी ने 1 जुलाई को अपनी वैक्सीन की इमर्जेंसी इस्तेमाल (ईयूए) के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने कहा कि उसने बड़े पैमाने पर 50 से अधिक केंद्रों पर क्लीनिकल ट्रायल किया है।
दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन
जाइडस कैडिला की वैक्सीन जाइकोव-डी को यदि मंजूरी मिलती है तो नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ यह दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन होगी। इस वैक्सीन का विकास भारतीय कंपनी ने किया है। मंजूरी मिलने के बाद देश में यह छठवीं वैक्सीन होगी। इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड, भारत बायोटेक के कोवैक्सीन, रूस की स्पूतनिक-वी तथा यूएस निर्मित माॅडर्ना तथा जाॅनसन एंड जाॅनसन की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है।
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