स्थापना के बाद इतने मामले
1090 वूमेन पावर लाइन की स्थापना के बाद भी हर साल महिलाओं के साथ होने वाले छेड़खानी और अपराधों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि 15 नवंबर 2012 को इसकी स्थापना के बाद 31 दिसंबर 2012 तक 12,195 शिकायतें दर्ज की गईं। इसके बाद वर्ष 2013 में 1 लाख 42 हजार 113, वर्ष 2014 में 1 लाख 56 हजार 289, वर्ष 2015 में 1 लाख 56 हजार 324 शिकायतें दर्ज हुईं। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2016 में शिकायतों की संख्या बढ़कर 1.94 लाख से अधिक हो गयी. बता दें कि वर्ष 2017यानी इस साल में भी शिकायतों की संख्या पिछले साल से अधिक रही। इस वर्ष 31 अक्टूबर तक करीब 2 लाख ऐसे मामले दर्ज किये गए हैं।
ऐसे होता है काम
1090 वूमेन पावर लाइन में जैसे ही कोई पीड़िता शिकायत करती है, तो उसे एक डॉकेट नंबर दिया जाता है। इसके बाद शिकायत में दर्ज कराए गए नंबर पर पावर लाइन के काउंसलर कॉल करके युवती को परेशान करने वाले युवक को ऐसा दोबारा न करने की हिदायत देते हैं। पीड़िता को इसके बाद तीन बार कॉल कर पूछताछ की जाती है कि फिर से तो आरोपी उसे कॉल कर परेशान तो नहीं कर रहा। इसके बाद तीन बार उत्तर नकारात्मक मिलने पर शिकायत को क्लोज कर दिया जाता है।
अब तक सिर्फ इतनों के खिलाफ कार्रवाई
वूमेन पावर लाइन के आंकड़ों पर गौर करें तो स्थापना के बाद अब तक प्रदेश में 8 लाख 60 हजार 593 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इनमें से 8 लाख 51 हजार 26 शिकायतों को रिसॉल्व कर दिया गया। बता दें कि इतने शिकायतों में सिर्फ 759 आरोपियों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर उन्हें अरेस्ट किया गया है।
कड़ी कार्रवाई होती है
एएसपी वूमेन पावर लाइन अजय कुमार मिश्र का कहना है कि जो आरोपी समझाने पर नहीं मानते उनके खिलाफ पीडि़ता की मंजूरी के बाद एफआईआर दर्ज कर अरेस्टिंग की जाती है। जांच की जाएगी कि अगर किसी आरोपी ने दोबारा किसी दूसरी युवती को परेशान किया तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कितनी कैसी शिकायतें
समस्या संख्या
फोन पर छेड़खानी 7,39,221
सार्वजनिक स्थल पर छेड़खानी 83,428
सोशल साइट पर छेड़खानी 13,735
घरेलू हिंसा 12,611
अन्य समस्याएं 2,031
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