क्या है जानकारी
पूरे मामले को लेकर मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी जानकारी दी है कि 65 रोड प्रोजेक्ट्स पर टोल कलेक्शनंस को पहले ही बंद किया जा चुका है. ऐसे में सरकार के फैसले के अनुसार जिन प्रोजेक्ट्स में 50 करोड़ रुपये से कम का निवेश किया जायेगा, उन टोल से टैक्स नहीं वसूला जायेगा.
88 हजार करोड़ रुपये की होगी सीधी बचत
दरअसल ऐसा भी कहा जा रहा है कि सरकार का इरादा अब इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम के जरिये टोल को वसूलने का है. इससे देश को 88,000 करोड़ रुपये की पूरी बचत हो सकेगी. इस पूरे मामले को लेकर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और आईआईएम कोलकाता की एक स्टडी के अनुसार चेक पोस्ट पर लंबा समय लगने की वजह से देश को 60,000 करोड़ रुपये का पूरा-पूरा नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में अगर पूरे देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू किया जाये तो कुल बचत 88,000 करोड़ रुपये की सीधे तौर पर होगी.
कैसे होगी ये बचत
ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, कोलकाता की ज्वाइंट स्टडी के अनुसार टाइम और फ्यूल पर होने वाले बचत के कारण ऐसा मुमकिन होगा. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात की भी जानकारी दी है कि मुंबई-दिल्ली रूट पर 350 टोल प्वॉइंट हैं. इनमें से 140 टोल प्वाइंट को ई-टोल में बदला जा चुका है. यहां से कैशलेस कलेक्शन शुरू किया जा चुका है.
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