बिल से बैंकों को सहारा, ग्राहकों को सुरक्षा
अगर सरकार इंश्योरेंस लिमिट में बदलाव करती है, तो आपको एक खास तोहफा मिल सकता है। इससे बैंक में रखे आपके पैसों की सुरक्षा कई गुना बढ़ सकती है। इस साल केंद्र सरकार फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल-2017 लाने की तैयारी कर रही है। यह बिल विपरीत परिस्थितियों में बैंकों को सहारा देने के लिए लाया जा रहा है।
ग्राहक सुरखा के नाम पर अभी बैंक गारंटी सिर्फ 1 लाख रुपये तक
मौजूदा समय में बैंक में रखी आपकी कुल रकम में से सिर्फ 1 लाख रुपये सुरक्षित होते हैं। इसका मतलब यह है कि कभी अगर कोई बैंक दिवालिया होता है, तो लाखों रुपये की आपकी बचत में से सिर्फ 1 लाख रुपये की डिपोजिट सुरक्षित रहेगी।
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जानें क्या है बैंक गारंटी के तहत ग्राहक सुरक्षा
अगर किसी बैंक में आप ने 5 लाख रुपये रखे हैं। किसी वजह से बैंक दिवालिया हो जाता है। वह जमाकर्ताओं के पैसे चुकाने की स्थिति में नहीं रहता है, तो ऐसी स्थिति में भी उसे कम से कम 1 लाख रुपये आपको देने ही होंगे। हालांकि 1 लाख से ज्यादा जितनी भी रकम होगी, उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।
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उस नियम से तो इस बार 15 लाख रुपये होनी चाहिए बैंक गारंटी
मौजूदा समय में इंश्योरेंस डिपोजिट लिमिट 1993 में तय की गई थी। तब 1 लाख रुपये की तक की डिपोजिट को इंश्योरेंस कवर दिए जाने का फैसला लिया गया। इसकी वजह यह थी कि 90 परसेंट बैंक खातों में इतनी या इससे कम रकम जमा थी। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये आंकड़ा अब 90 की जगह 67 परसेंट पर आ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे में अगर केंद्र सरकार पहले की तरह ही 90 परसेंट बैंक डिपोजिट को इंश्योरेंस कवर देना चाहती है, तो उसे 1 लाख की सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपये करना होगा। इससे आम आदमी की ज्यादा रकम सुरक्षित होगी।
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