मुजफ्फरनगर (पीटीआई)। यूपी में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एक साथ दो स्कूलों से वेतन मिलने का खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदीप कुमार मुजफ्फरनगर और बरेली जिलों के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत थे। जब वे जून 2011 से मुजफ्फरनगर में रह रहे थे और पढ़ा रहे थे, तभी उन्होंने बरेली के स्कूल से भी वेतन लिया। प्रदीप कुमार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की अधिकारियों द्वारा जांच के बाद मंगलवार को यह मामला सामने आया। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह ने कहा एजूकेशन डाॅक्यूमेंट की ऑनलाइन जांच के दौरान हमने पाया कि प्रदीप कुमार मुजफ्फरनगर और बरेली में दो अलग-अलग स्कूलों में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। प्रदीप कुमार को सेम डाॅक्यूमेंट्स के आधार पर ही नाैकरी मिली।
वर्तमान में उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है
अधिकारियों ने कहा कि इस पूरे मामले में जांच का आदेश दिया गया है। आठ साल से अधिक समय तक मुजफ्फरनगर के स्कूल में पढ़ाने के बाद प्रदीप कुमार नवंबर 2019 में मेडिकल लीव पर चले गए थे। इसके बाद पना इस्तीफा भेज दिया था। वर्तमान में उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। पिछले महीने उत्तर प्रदेश पुलिस ने विभिन्न सरकारी स्कूलों में नौकरियों को सिक्योर करने के लिए डाॅक्यूमेंट्स के सेम सेट का उपयोग करने के लिए कई लोगों को गिरफ्तार किया था। बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में अनामिका शुक्ला घोटाला काफी चर्चा में रहा था। इसमें एक शिक्षक को 13 महीने के लिए 25 कस्तूरबा विद्यालय में काम करते हुए पाया गया और वेतन के रूप में उसने 1 करोड़ रुपये ले लिया। इसमें 'पात्र' उम्मीदवार के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
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