क्या-क्या है खासियत
कंपनी के मुताबिक, यह सेल्फ ड्राइविंग कार काफी स्मार्ट है। इसमें स्टीयरिंग व्हील, एक्सीलरेटर पैडल और ब्रेक पैडल भी है यानी कि आपको अगर आवश्कता पड़े, तो इसे खुद भी ड्राइव कर सकते हैं। फिलहाल यह 1 मिलियन माइल्स का सफर तय कर चुकी है। गौरतलब है कि यह कंपनी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिस पर गूगल काफी सालों से वर्क कर रहा है।
ये आराम का मामला है
ड्राइवर लेस कार का सपना अब ज्यादा दिन दूर नहीं रहा। दुनिया की लीडिंग सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल ने ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलेप कर ली है, जो कार के क्षेत्र में नई कामयाबी बन सकती है। करीब 1 महीने पहले गूगल ने कार को लेकर एनाउंसमेंट की थी। जिसमें कहा गया था कि, मार्केट में जल्द ही सेल्फ ड्राइविंग कारों के कई प्रोटोटाइप वर्जन कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में चलते नजर आएंगे। जैसा कि अब नजर आ रहा है। कंपनी ने हालांकि इसे अभी टेस्टिंग के लिए उतारा गया है। वैसे कार के विकास के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए लोग ड्राइवर लेस कारों में सवारी का आनंद ले सकेंगे।
16 लाख किमी का सफर किया पूरा
आपको बताते चलें कि गूगल लंबे अर्से से इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। कंपनी की यह कोशिश अब रंग लाने लगी है। यह कार टेस्टिंग के दौरान करीब 16 लाख किमी का सफर तय कर चुकी है। इसके साथ ही हर हफ्ते 16 हजार किमी और टेस्ट ड्राइव हो रही है। फिलहाल गूगल कोई लीडिंग कार कंपनी नहीं है, लेकिन जो इस क्षेत्र में लीड कर रही हैं, वो कंपनियां भी इस टेक्नोलॉजी पर जोर दे रही हैं। अनुमान के मुताबिक, 2020 तक ड्राइवरलेस कार सड़कों पर आमतौर से दिखने लगेगी।
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