दो साल में गूगल पर लगा है 7.7 बिलियन डॉलर से ज्यादा का भारी भरकम जुर्माना
कानपुर। टेक जायंट गूगल को एक बार फिर यूरोप में रिकॉर्ड ब्रेकिंग जुर्माना झेलना पड़ रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार गूगल पर यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि उसने Android मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स पर पूरी तरह से एकाधिकार जमा रखा है। द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल भी यूरोपियन कॉम्पटीशन कमीशन की ओर से Google पर 2.7 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था। वह जुर्माना उसे अपनी ऑनलाइन शॉपिंग ऐप से जुड़े मामले में झेलना पड़ा था। पर इस बार यूरोपियन रेगुलेटर ने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर कंपनी के वर्चस्व के कारण गूगल पर जुर्माना लगाया है। इस बार गूगल पर लगाए गए जुर्माने की राशि 4.3 बिलियन यूरो यानि करीब 5 अरब डॉलर के आसपास है। जुर्माने की यह रकम इतनी है, जितनी राशि नीदरलैंड हर साल यूरोपियन यूनियन के बजट में कंट्रीब्यूट करता है।
एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर हावी होकर गलत बिजनेस प्रैक्टिसेस करने का है आरोप
डेली मेल ने यूरोपियन यूनियन कमीशन के हवाले से बताया है कि Google Play Store पर मौजूद डाउनलोड की जाने वाली ऐप्स में से 90 परसेंट पर Google का ही सिक्का चलता है। यानी कि कंपनी अपने किसी भी दूसरे प्रतिद्वंदी की तुलना में ज्यादा से ज्यादा ऐप्स पर अपने विज्ञापन डिस्प्ले कर सकती हैं। यूरोपियन कमीशन के मुताबिक Android प्लेटफार्म और ऐप्स पर अपने जबरदस्त एकाधिकार के कारण ओवरऑल इंटरनेट सर्च में Google विज्ञापनों से होने वाली कमाई में ज्यादा बेनिफिट लेने की क्षमता रखता है और यह कंडीशन फेयर बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ है। पिछले साल Google की अपनी शॉपिंग सर्विस को दूसरे कॉम्पटीटर्स के मुकाबले ज्यादा फेवर करने के कारण यूरोपियन कमीशन ने कंपनी पर 2.7 बिलियन डालर का जुर्माना लगाया था। यूरोपियन कमीशन ने गूगल पर सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि अपने सर्च इंजन और क्रोम और ऐप्स के साथ मिलकर गूगल पूरे एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह से हावी है। सिर्फ यहीं नहीं गूगल ऐसे तमाम स्मार्टफोन मेकर्स को ब्लॉक कर देता है, जो गूगल बेस्ड एंड्रॉयड वाली डिवाइसेस नहीं बनाते।
गूगल की प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए खुलेंगे नए रास्ते
पिछले हफ्ते ब्रसेल्स में हुई नाटो समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विजिट के कारण यूरोपियन कमीशन का जुर्माना लगाने का यह आदेश थोड़ा डिले हो गया था। पर यह आदेश आज यानि बुधवार को आ चुका है। डेलीमेल के मुताबिक गूगल के खिलाफ एंटी ट्रस्ट केसेस की तिकड़ी का ही नतीजा है कंपनी पर लगाया जाने वाला यह नया फाइन, जिसके अंतर्गत Google अपने पूरे Android प्लेटफार्म और सभी ऐप्स पर दूसरे किसी भी टेक प्रतिद्वंदी के मुकाबले अपने विज्ञापनों को ज्यादा पुश कर सकता है। जिससे ऑनलाइन मीडिया में स्वतंत्र और भेदभाव रहित प्रतिस्पर्धा खत्म हो सकती है। यूरोपियन यूनियन के एंटी ट्रस्ट रेगुलेटर का यह कदम गूगल की तमाम प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए नए रास्ते खोलने जैसा माना जा रहा है।
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