गूगल Chrome के नए वर्जन में पासवर्ड से भी ज्यादा सेफ तरीके से कर सकेंगे अकाउंट लॉग-इन
कानपुर। टेक जगत की बड़ी कंपनी गूगल ने अपने क्रोम ब्राउजर के नए वर्जन 67 में ऐसा महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके चलते अब यूजर्स फेसबुक, टि्वटर समेत तमाम वेबसाइटों को बिना पासवर्ड के साइन-इन कर पाएंगे। गूगल ने अपने ऑफीशियल ब्लॉग में बताया है कि क्रोम का लेटेस्ट वर्जन अगले कुछ दिनों में ही लॉन्च हो जाएगा। यानि अब नए अपडेटेड क्रोम ब्राउजर पर यूजर वेबसाइटों को लॉगइन करने के लिए अलग अलग पासवर्ड याद रखने की झंझट से बच जाएंगे। यही नहीं इस तरीके से यूजर्स के ऑनलाइन अकाउंट पासवर्ड की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित रहेंगे।
पासवर्ड के बिना इन तीन तरीकों से हो सकेगा अकाउंट लॉग-इन
यहां पहली बात तो हम आपको बता दें कि पासवर्ड के बिना लॉगइन का यह मतलब नहीं है कि यूजर्स अपने पासवर्ड का यूज नहीं कर पाएंगे। वास्तव में क्रोम के नए वर्जन में यूजर्स अगर चाहें तो पासवर्ड से भी ज्यादा सेफ तरीकों से अपने वेब अकाउंट लॉगइन कर पाएंगे। द वर्ज डॉट कॉम की रिपोर्ट बता रही है कि अब क्रोम पर अकाउंट लॉगइन के नए सेफ तरीके क्या हैं -
1- बायोमेट्रिक्स यानि फिंगर प्रिंट स्कैनर का यूज करके लोग अपने तमाम वेब अकाउंट लॉगइन कर सकेंगे। यानि जैसे मोबाइल सिम खरीदते वक्त आप हम फिंगर स्कैनर पर उंगली रखकर अपना आधार डेटा एक्सेस करते हैं। क्रोम पर भी उसी तरीके से यूजर लॉगइन कर पाएंगे। ऐसे में पासवर्ड चोरी हो जाने पर भी आपका अकाउंट और डेटा सेफ रहेगा।
2- कुछ खास सॉफ्टवेयर्स या कंप्यूटर को यूज करने के लिए सिक्योरिटी Key यानि यूएसबी डॉंगल का यूज काफी सालों से किया जाता रहा है। अब क्रोम पर लॉगइन करने के लिए भी यूजर ऐसी ही किसी सिक्योरिटी Key को अपने सिस्टम पर लगाएंगे, तभी उनके अकाउंट लॉगइन हो सकेंगे। कहने का मतलब यह है कि आपका सिस्टम चोरी भी हो जाए तब भी बिना Key के कोई आपका अकाउंट साइन-इन नहीं कर सकेगा।
3- मोबाइल फोन की ब्लूटूथ कनेक्टीविटी के द्वारा भी यूजर्स अपने वेब अकाउंट लॉगइन कर सकेंगे। इस तरीके में यूजर का मोबाइल फोन ही उसके अकाउंट का पासवर्ड होगा। यानि कि जब भी आप अपने लैपटॉप पर कोई वेबसाइट लॉगइन करेंगे तो कंप्यूटर ब्लूटूथ द्वारा आपके फोन पर अकाउंट एक्सेस की परमीशन मांगेगा। जब यूजर अपने फोन से उस रिक्वेस्ट को अप्रूव करेगा, तभी उसका अकाउंट लॉगइन हो पाएगा।
किसने विकसित की है अकाउंट साइन-इन की यह नई टेक्नोलॉजी
अकाउंट लॉगइन करने की इस नई तकनीक को यूज करने से पहले जरा यह भी जान लीजिए कि यह हाईटेक तरीका किसने और क्यों विकसित किया है। दरअसल इंटरनेट और टेक जगत की दो प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं World Wide Web Consortium (W3C) और FIDO Alliance ने साथ मिलकर अप्रैल महीने में वेब अथॉन्टीकेशन का यह नया स्टैंडर्ड रिलीज किया है। गूगल और फायरफॉक्स ने उसी अथॉन्टीकेशन स्टैंडर्ड को अपने ब्राउजर में फिट कर दिया है। जिसका नतीजा यह होगा कि दुनिया भर के यूजर्स अब ढेर सारे पासवर्ड याद रखने से मुक्त हो जाएंगे, साथ ही ज्यादा सुरक्षित तरीके अपने वेब अकाउंट लॉगइन कर पाएंगे।
क्या है WebAuthn और Yubikey token सिस्टम जो खत्म कर देगा पासवर्ड का एकाधिकार
WebAuthn इंटरनेट को चलाने वालों की दुनिया में बहुत अहमियत रखता है। इसका पूरा नाम है W3C and FIDO Alliance standards bodies। W3C संस्था पूरी दुनिया में (WWW) वर्ल्ड वाइड वेब डोमेन एड्रेस सिस्टम को चलाती है। WebAuthn इंटरनेट सिस्टम के विकास और सुधार के लिए तमाम नए आयडिया और प्रोजेक्ट बनाती रहती है। इसी कड़ी में बिना पासवर्ड लॉगइन का यह तरीका खोजा गया है। WebAuthn पिछले दो साल से इस प्रोजेक्ट पर W3C का अप्रूवल लेने की कोशिश कर रहा था। उसकी यह कोशिश अप्रैल 2018 में सफल हुई। इसके बाद ही क्रोम और फायरफॉक्स ब्राउजर्स इस तकनीक को अपना रहे है। वैसे बता दें कि दुनिया की दो बड़ी टेक कंपनियां गूगल और फेसबुक इंटर्नल लेवल पर पहले ही इस तकनीक का इस्तेमाल कर चुकी हैं। इसके अंतर्गत अकाउंट लॉगइन के लिए Yubikey toke सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
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