80 मिनट के लिए फोन करने की इजाजत मिलती
जोधपुर (प्रेट्र)। जोधपुर के डीआईजी विक्रम सिंह के मुताबिक हाल ही में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी आसाराम को उम्रकैद की सजा हुई है। आसाराम इन दिनों जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है। ऐसे में आसाराम ने शुक्रवार को साबरमती आश्रम में करीब 6.30 बजे एक साधक से बात की थी। हो सकता इस 15 मिनट की बातीचत की रिकॉर्डिंग वायरल हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि आसाराम यह कॉल जेल अधिकारियों की अनुमति से कर रहा था। जेल डीआईजी के मुताबिक जेल में बंद सभी कैदियों को एक महीने में 80 मिनट के लिए फोन करने की इजाजत मिलती है। हालांकि निर्धारित मिनटों में वे सिर्फ दो नंबरों पर ही बात कर सकते हैं।
किसी भी तरह की उकसाने वाली बातों में न आएं
हालांकि इस ऑडियो में एक तरफ की ही बात सुनाई दे रही है। इसमें आसाराम अपने भक्तों को उपदेश दे रहा है। आसाराम ने सबसे पहले अपने अनुयायियों को फैसले के दिन शांति बनाए रखने के लिए और जोधपुर सेंट्रल जेल तक नहीं आने के लिए आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही कहा कि हमें कानून और व्यवस्था सम्मान करना चाहिए। मैंने खुद भी यही किया। यह भी कहा कि कुछ लोगों ने अपने आश्रम को बदनाम करने का अभियान सा चला रखा है कि जिससे वे इन पर अपना पूरी तरह से कब्जा कर सकें। ऐसे किसी भी तरह की उकसाने वाली बातों में न आएं। इसके आलावा आश्रम के लेटर हेड पर जो कुछ भी लिखा जा रहा है उससे बिल्कुल भी मार्ग भ्रमित न हों।
आसाराम ने भरोसा दिलाया कि अच्छे दिन आएंगे
इसके अलावा इस ऑडियो क्लिप में आसाराम ने अपने साथी आरोपी शिल्पी और शरत का भी जिक्र किया। उसने कहा कि वह जेल से सबसे पहले शरत और शिल्पी की रिहाई का इंतजाम करेगा क्योंकि माता-पिता का कर्तव्य है कि वे अपने से पहले अपने बच्चों की बेहतरी के बारे में सोचें। ऐसे में अगर शिल्पी और शरत को जेल से छुड़ाने के लिए वकीलों की जरुरत पड़ी तो वो भी प्रबंध किया जाएगा। इसके बाद ही बापू जेल से बाहर आएंगे। इसके अलावा यह भी कहा कि अगर निचली अदालत में कोई गलती हुई है तो उसे सुधारने के लिए ऊपरी अदालतें हैं। आसाराम ने कहा कि सच्चाई को कोई ढक नहीं सकता और झूठ के पास खड़े होने के लिए कोई पैर नहीं होते हैं। जो आरोप हैं यह असंभव है। अच्छे दिन आएंगे।
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