पैरोल से हुआ था फरार
उल्लेखनीय है कि गोधरा में ट्रेन को आग लगाने के बाद से ही पूरे गुजरात में दंगे भड़क गये थे. ऐसे में गोधरा कांड के दोषी सलीम यूसुफ जर्दा को फांसी की सजा सुनाई गई है. जर्दा15 दिन के पैरोल पर बाहर था और उसे ही तोड़कर वह फरार हो गया था.
तलाशी अभियान में मिला
उसको 18 नवंबर को जेल में वापस पहुंचना था, लेकिन तय तारीख पर वह वडोदरा सेंट्रल जेल वापस नहीं लौटा. भरुच के पुलिस अधीक्षक बिपिन अहीर ने जानकारी देते हुये बताया कि जर्दा को गुरुवार की रात अमोद तालुका के पुलिस बल ने धर दबोचा. बताया जा रहा है कि पुलिस बल उस दौरान अमोद-भरुच हाईवे पर कार चोरों की तलाश कर रही थी.
संदिग्धों में जर्दा था शामिल
उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान पुलिस ने एक कार में बैठे चार संदिग्ध लोगों को चोर समझकर उनकी तलाशी लेनी चाही. उनके पहचान पत्र की पड़ताल करने के दौरान उनमें से एक सलीम जर्दा निकला. उसके बाद उसे और उसके साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. साबरमती कांड के 31 दोषियों में जर्दा भी शामिल है. गौरतलब है कि 2002 में 27 फरवरी को इस नरसंहार में 59 लोग मारे गए थे.
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