कानपुर। 9 फरवरी 1970 को न्यू साउथ वेल्स में जन्में ग्लेन मैक्ग्रा अपने समय के सबसे धाकड़ गेंदबाजों में गिने जाते थे। एक वक्त मैक्ग्रा और वार्न की जोड़ी सबसे खतरनाक मानी जाती थी। 1993 में न्यूजीलैंड के विरुद्घ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले मैक्ग्रा ने करीब 14 साल तक क्रिकेट खेला। वनडे में उनके नाम 250 मैचों में 381 विकेट दर्ज हैं, वहीं टेस्ट में दाएं हाथ के इस गेंदबाज ने 563 विकेट चटकाए।
मैक्ग्रा की पत्नी की कैंसर से हुई थी मौत
ग्लेन मैक्ग्रा एक अच्छे क्रिकेटर के साथ-साथ अच्छे इंसान भी रहे। बता दें मैक्ग्रा ने उस वक्त अपने क्रिकेट पर विराम लगाया जब वह चरम पर थे। दरअसल मैक्ग्रा की पत्नी कैंसर से जूझ रही थीं और उन्होंने अपनी पत्नी को बचाने के लिए मैदान से पूरी तरह से दूरी बना ली थी। हालांकि वह अपनी पत्नी को बचा नहीं पाए। मगर उनके मरने के बाद मैक्ग्रा ने कैंसर से लड़ रहे अन्य लोगों के लिए मैक्ग्रा फाउंडेशन की शुरुआत की। इसके तहत वह पूरे मैदान को पिंक कलर से रंग देते हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में भारत ने एक पिंक टेस्ट भी खेला था।
काफी दर्दभरी है इनकी कहानी
पूर्व् ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा द्वारा इस फाउंडेशन की नींव रखने की कहानी काफी दर्दभरी है। 10 साल पहले मैक्ग्रा की पत्नी जेन की कैंसर के चलते मौत हो गई थी। पत्नी की मौत ने मैक्ग्रा को अंदर तक झकझोर दिया। दरअसल उन्होंने जेन को बचाने की बहुत कोशिश की थी। टेलिग्राॅफ की एक खबर के मुताबिक, जेन को कैंसर के बारे में पहली बार 1997 में पता चला था। उस वक्त उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। इसके ठीक छह साल बाद उन्हें बोन कैंसर हो गया, हालांकि जेन ने तब दोनों बीमारियों से कड़ी जंग लड़कर निजात पा ली थी। मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था साल 2006 में जेन को तीसरी बार कैंसर हुआ, अबकी बार उन्हें दिमाग का कैंसर था।
8 महीने तक रहे क्रिकेट से दूर
पत्नी जेन को इतना परेशान देख मैक्ग्रा ने खेलना छोड़ दिया और वह पत्नी और बच्चों की देखभाल के लिए 8 महीने क्रिकेट से दूर रहे। इसके बाद उन्हें कंगारु टीम में फिर वापसी की और ऑस्ट्रेलिया को न सिर्फ एशेज जितवाया बल्कि वर्ल्ड चैंपियन भी बनाया। इसके कुछ समय बाद मैक्ग्रा ने क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। अब मैक्ग्रा का पूरा समय जेन की देख रेख में गुजरता गया, हालांकि इन दोनों का साथ अगले एक साल तक और रहा। 2008 में जेन ने दुनिया को अलविदा कह दिया। जेन की मृत्यु के बाद मैक्ग्रा ने कैंसर जागरुकता का अभियान चलाया और पिछले 10 सालों से वह इसी कैंपेन से जुड़े हैं। बताते चलें मैक्ग्रा ने 2010 में सारा नाम की लड़की के साथ दूसरी शादी कर ली।
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