patna@inext.co.in
PATNA : मुजफ्फरपुर बालिका गृह में दरिंदगी में सीबीआई का सामना ब्रजेश ठाकुर से होगा। यह सामना बड़े खुलासे का आधार होगा। सीबीआई के अफसर उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में हैं लेकिन इसके पहले वह अधिक से अधिक साक्ष्य इकट्ठा करने में लगे हैं। 34 नाबालिग के यौन उत्पीडऩ के आरोपित ब्रजेश के रिमांड पर आने के बाद कई बड़े लोगों का नाम भी सामने आ सकता है।

मोबाइल खोलेगा बड़ा राज
सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर के तीन मोबाइल फोन के सीडीआर (कॉल्स डिटेल रिपोर्ट) जांच टीम को उपलब्ध हो गए हैं। अब डिटेल्स के माध्यम से सीबीआई उन लोगों की पहचान करेगी, जो ब्रजेश ठाकुर के इस घिनौने कृत्य में शामिल हुए होंगे। सीबीआई की टीम पिछले तीन दिनों से जांच की इन्हीं बिंदुओं पर काम कर रही है। अगले सप्ताह जांच टीम का एक्शन सामने आ सकता है।

पीडि़ता खोलेंगी पोल
सीबीआई की टीम पीडि़त बच्चियों के बयान पर कुछ संदिग्ध लोगों के स्केच भी तैयार करवा रही है। सीबीआई की नजर उन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी है, जिसे खुश करके ब्रजेश ठाकुर अपने सरकारी महकमों से अपने सारे काम निकलवाता था। सीबीआई ने बालिका गृह के रजिस्टर की जांच में कई ऐसे लोगों की पहचान की है, जो यहां अक्सर आते-जाते रहते थे।


होगी सवालों की बरसात
ब्रजेश को रिमांड पर लेने से पहले ब्यूरो की टीम उसके खिलाफ सभी तरह के वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने में लगी है। ब्यूरो के अफसरों की मानें तो इस कांड के मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी के दो महीने बीत जाने के बाद भी उसे पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ नहीं की गई है। बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर को रिमांड पर लेकर पूछताछ की कोशिश की थी, पर उसे सफलता नहीं मिली।


अफसरों के थी काफी करीब
सूत्रों के मुताबिक समाज कल्याण विभाग में ब्रजेश की करीबी मधु की सीधी पहुंच अफसरों तक थी। सामाजिक सुरक्षा निदेशालय में मधु का आना-जाना था। कई अफसर और स्टाफ उसके मुरीद थे। यही कारण है कि मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह के मामले में जिस दिन ब्रजेश ठाकुर और उसके करीबियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी, उसी दिन समाज कल्याण निदेशक राजकुमार के हस्ताक्षर से ब्रजेश की संस्था सेवा संकल्प को 40 लाख टेंडर दिया गया था। जब यह मामला तूल पकड़ा तो विभाग ने टेंडर को रद कर दिया।

महाराष्ट्र मॉडल होगा लागू
समाज कल्याण विभाग महाराष्ट्र में शेल्टर होम के संचालन व्यवस्था का अध्ययन के लिए अफसरों की एक टीम बनाने जा रहा है। वहां भी शेल्टर होम एनजीओ ही संचालित करते हैं। इस अध्ययन के बाद शेल्टर होम संचालन व्यवस्था में आवश्यक बदलाव किया जाएगा। विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद के मुताबिक महाराष्ट्र में शेल्टर होम का संचालन कई मिशनरी संस्थाएं बेहतर तरीके से कर रही है। हम उनकी अच्छाई को ग्रहण करेंगे। समाज कल्याण विभाग सभी शेल्टर होम में बालक और बालिकाओं को स्वावलंबी  बनाने की दिशा में काम करने जा रहा है। नए सिरे से कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि शेल्टर होम को आदर्श रूप में पेश किया जा सके। सरकार इच्छुक मिशनरी संस्थाओं को भी शेल्टर होम की जिम्मेवारी सौंप सकती है।

लापरवाही में गिरी गाज
समाज कल्याण विभाग ने बालिका आश्रय गृह के निरीक्षण कार्य में लापरवाही बरतने के मामले में कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर सहित छह जिलों के बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशकों को निलंबित कर दिया है। विभाग के निदेशक राजकुमार के आदेश से इसकी अधिसूचना जारी हुई है। मुजफ्फरपुर के बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक (एडीसीपी) दिवेश कुमार शर्मा, मुंगेर की एडीसीपी सीमा कुमारी, अररिया के घनश्याम रविदास, मधुबनी के सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग एवं अतिरिक्त प्रभार (एडीसीपी) कुमार सत्यकाम, भागलपुर की एडीसीसी गीतांजलि प्रसाद एवं भोजपुर के तत्कालीन एडीसीसी आलोक रंजन को निलंबित किया गया है।


विभाग के पास नहीं है ब्योरा
मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड के मामले के आरोपित ब्रजेश ठाकुर की एनजीओ सेवा संकल्प को आश्रय गृह चलाने के नाम पर कितनी राशि दी गई, इसका पूरा ब्योरा समाज कल्याण विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। ब्रजेश की संस्था को हर साल लाखों रुपए दिए गए, लेकिन उससे संबंधित रिकार्ड महकमे के पास नहीं है। पूरे प्रकरण की जांच में जुटी सीबीआई की टीम ने अब विभाग के उन अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जो ब्रजेश ठाकुर की संस्था को लाभ पहुंचाने में मददगार रहे हैं।

बालिका गृह कांड की सीबीआइ जांच शुरू

सीबीआई करेगी यमुना एक्सप्रेस-वे में हुए घोटाले की जांच

Crime News inextlive from Crime News Desk