सहेलियों और दोस्तों का अजब कनेक्शन
एक नए शोध में बताया गया है कि पहले यौन अनुभव के बाद लड़कियों की दोस्ती का दायरा सीमित हो जाता है, जबकि लडक़ों को इसके बाद लाभ होता है। मतलब लड़किया अपनी सहेलियों से दूर होती हैं जबकि लड़के दोस्तों से क्लोज हो जाते हैं। हालाकि ये भी सच है कि पुरुष मित्रों से सामान्य दोस्ती बढ़ने पर लड़कियां ज्यादा फायदे में रहती हैं और जबकि लडक़ों का लड़कियों से दोस्ती का दायरा घट जाता है।
टीनएजर्स पर किए शोध का नतीजा
पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में डेरेक ए. क्रीगर ने एक शोध में 11 से 16 आयुवर्ग के लडक़े-लड़कियों के बीच इस अध्ययन के बाद यह नतीजे पेश किए गए हैं। इस दौरान छठी से नवीं कक्षा के छात्रों का आकलन किया गया। उन्हें अपनी कक्षा में सबसे निकटवर्ती मित्र चुनने को कहा गया था। छात्रों के सहकर्मियों की रजामंदी के आधार पर क्रीगर और उनके सहयोगियों ने आकलन किया कि प्रत्येक कक्षा से कितने नामांकन दर्ज किए गए।
आंकड़ो से प्रमाणित हुआ बदलाव
क्रीगर के अनुसार प्रत्येक कक्षा में यौन अनुभव ले चुकी लड़कियों की दोस्ती का दायरा 45 फीसद घटा था, जबकि लडक़ों की दोस्ती में 88 फीसद वृद्धि हुई थी। वहीं सामान्य दोस्ती वाले संबंधों में लड़कियां 25 फीसद अधिक दोस्त बनाती हैं और लडक़ों की दोस्ती में 29 फीसद कमी आती है।
सामान्य व्यवहार में परिवर्तन लड़कियों से छीन लेता है दोनों तरह के दोस्त
क्रीगर बताते हैं, ‘हमारे शोध के नतीजे पारंपरिक लैंगिक अध्ययनों पर ही आधारित हैं। लडक़ों और पुरुषों से उग्रता के साथ संबंध स्थापित करने की उम्मीद की जाती है। इसके विपरीत, लड़कियां और महिलाएं यौन संबंधों की जगह रोमांस को तरजीह देती हैं। वह एक ही पुरुष से संबंध बनाए रखना पसंद करती हैं।’ शोध में यह भी पाया गया कि जो लड़कियां पारंपरिक छवि के विपरीत यौन आचरण करती हैं, उन्हें पुरुष व स्त्री मित्रों की दोस्ती से हाथ धोना पड़ता है।
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