Lucknow/Ghazipur : यूपी के गाजीपुर में प्रधानमंत्री की सभा के बाद जाम खुलवाने पहुंचे हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स की हत्या के मामले में करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष सुधाकर राय की तहरीर पर 32 नामजद व 70 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में 11 आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।
जल्द पकड़े जाएंगे आरोपी
एडीजी जोन पीवी रामा शास्त्री का दावा है कि जल्द ही अन्य आरोपितों को पकड़ लिया जाएगा। कहा कि प्रदर्शन की अगुवाई करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा जाएगा। उनका कहना है कि प्रकरण की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। दरअसल, गत शनिवार को निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नोनहरा थाना क्षेत्र के कठवामोड़ के पास जाम लगा रखा था। अधिकारियों के निर्देश पर करीमुद्दीनपुर थाने की फोर्स जाम खुलवाने के लिए वहां पहुंची थी। इसी दौरान उग्र भीड़ ने हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स को पीटकर मार डाला था।
बोला बेटा, पुलिस नहीं सुरक्षित तो जनता कैसे
पिता की हत्या की सूचना पर पुलिस लाइन पहुंचे पुत्र विनीत ने मीडियाकर्मियों से बिलखते हुए कहा, अगर पुलिस सुरक्षित नहीं है तो जनता कैसे रहेगी। मेरे पिता अपनी ड्यूटी के प्रति काफी सजग रहते थे। मांग की कि जिसने भी उनके पिता को मारा है, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
पोस्टमार्टम हाउस पर लापरवाही
पुलिस महकमा जहां साथी को खोने से दुखी था, वहीं स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से आधा घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस पर ताला लटका रहा। ताला लटका देखकर सीएमओ भी हैरान हो गए। उन्होंने एक बार नहीं बल्कि कई बार काल की। करीब आधे घंटे बाद दो कर्मचारी पहुंचे।
एडीजी व आईजी ने दिया कंधा
प्रतापगढ़ के लच्छीपुर गांव निवासी हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन लाया गया। यहां अंतिम सलामी देने के साथ ही श्रद्धांजलि दी गई। एडीएजी पीवी रामा शास्त्री, आईजी विजय सिंह मीणा, एसपी डाॅक्टर यशवीर सिंह व एसपी सिटी प्रदीप दुबे ने अर्थी को कंधा दिया।National News inextlive from India News Desk