400 लोगों पर किया गया अध्ययन
शोध के प्रमुख लेखक और ब्राउन यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर एरिक लॉक्स ने कहा, 'यह रोजाना सजगता की बात है। ऐसे लोगों की संख्या कम है जो इस पर ध्यान देते हैं।' लॉक्स और उनकी टीम ने यह निष्कर्ष इंग्लैंड के करीब 400 लोगों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर निकाला है। इसमें प्रतिभागियों से उनके ध्यान केंद्रित करने और भावुक अनुभवों के संबंध में सवाल पूछे गए।
पेट और कमर की चर्बी को भी मापा
इस दौरान शोधकर्ताओं ने उनके पेट और कमर की चर्बी को भी मापा। उन्होंने प्रत्येक प्रतिभागी के बीएमआइ (बॉडी मॉस इंडेक्स), स्वास्थ्य और जीवनशैली के बारे में जानकारी इकट्ठा की। इसके आधार पर उन्होंने एक सूचकांक तैयार किया। शोधकर्ताओं ने विश्लेषण करने पर पाया कि छह अंक पाने वालों की तुलना में चार अंक से नीचे रहने वालों में मोटापे की आशंका 34 फीसदी कम रहती है।
IANS