जर्मनी के एक शहर के लोगों ने एक कछुए की तलाश में पूरे तालाब को ही सुखा दिया. कछुए की तलाश इसलिए की जा रही थी कि उसने तालाब में तैर रहे एक युवक पर हमला कर दिया था.
बवेरिया के ओगेनराइडर वाइर में लोग अग्निशमकों और स्थानीय लोगों की मदद से कीचड़ में इस कछुए की तलाश में लगे हैं. बताया जा रहा है कि कछुआ स्थानीय प्रजाति का नहीं है.
लोट्टी नाम का ये कछुआ करीब 40 सेमी. लंबा और लगभग 14 किग्रा वजन का है.
दरअसल एक हफ्ते पहले एक आठ वर्षीय जर्मन लड़का छुट्टी के दिन जब इस तालाब में नहा रहा था तो कछुए ने उसे काट लिया. जंतुवैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की कि लड़के के शरीर पर लगी चोट कछुए के हमले की वजह से है.
बाहरी प्रजाति
जिस कछुए ने लड़के पर हमला किया था, उस प्रजाति के कछुए ज्यादातर उत्तरी अमरीका में मिलते हैं, इसलिए जर्मन अधिकारियों का मानना है कि निश्चित रूप से कछुए को इस तालाब में उसके मालिक ने पहुंचाया होगा. जर्मनी में साल 1999 से कछुए रखने पर प्रतिबंध है.
स्थानीय मेयर एंड्रियास लीब ने कछुए की तलाश करने वाले को एक हजार यूरो का पुरस्कार देने की भी घोषणा की है. हालांकि ये भी चेतावनी दी गई है कि बिना किसी विशेषज्ञ के वहां तलाशी का काम न किया जाए.
संभवत: लोट्टी नाम का ये कछुआ कीचड़ में छिपा हुआ है, इसलिए उसे ढूंढ़ निकालना बहुत मुश्किल है. तलाश करने वाले कीचड़ में डंडे चला रहे हैं लेकिन पता नहीं वो उसे ढूंढ़ने में कामयाब होंगे या नहीं.
तालाब में रहने वाली करीब पांच सौ मछलियों को पास के एक दूसरे तालाब में डाल दिया गया है. मेयर लीब ने इस पूरी घटना को आपदा करार दिया है.
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