पहले मैच में ग्रुप-जी में जर्मनी का सामना पुर्तगाल से, दूसरे मैच में ग्रुप-एफ में ईरान का सामना नाइजीरिया से और तीसरे मैच में ग्रुप-जी में घाना का सामना अमरीका से होगा.
जाने-माने फुटबॉल समीक्षक नोवी कपाड़िया के मुताबिक़ दिन का सबसे महत्वपूर्ण मैच जर्मनी और पुर्तगाल के बीच होगा.
इसका कारण यह है कि इस बात की पूरी संभावना है कि ग्रुप-जी से यह दोनो टीमें ही पहले और दूसरे स्थान पर आएंगी.
आक्रामक खेल
नोवी कहते हैं, "यह मैच तेज़ गर्मी में खेला जाएगा. दोनों टीमों का पहला मैच है, अच्छा होगा. जर्मनी की टीम अब पहले जैसी नहीं है जो केवल आक्रमण करती थी, अब इसका डिफेंस भी शानदार है. लेकिन जर्मनी के कुछ खिलाड़ियों को चोट लगी हुई है जिससे उसे नुक़सान हो सकता है."
वे कहते हैं कि पुर्तगाल के पास दुनिया का सबसे मशहूर खिलाड़ी रोनाल्डो है. क्रिस्टियानो रोनाल्डो के पास अब अपने आपको दिखाने का सबसे बेहतरीन अवसर है. रोनाल्डो के अलावा पुर्तगाल के पास मेरेलिस और नए मिडफील्डर विलियम भी हैं.
नोवी के मुताबिक़ दोनों टीमें आक्रमक खेल दिखाने की रणनीति ही अपनाएगी.
ज़बरदस्त टक्कर
इसी ग्रुप की दूसरी टीमें घाना और अमरीका है.
इस मुक़ाबले के बारे में नोवी कपाड़िया का मानना है कि युर्गेन क्लिंसमैन की कोचिंग में अमरीका एक युवा टीम बन गई है. टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी लैंडन डॉनोवन को टीम से ड्रॉप किया गया है.
दूसरी तरफ घाना की टीम ने पिछले विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया और वह सेमीफाइनल में पहुंचते-पहुंचते रह गई थी.
नोवी कहते हैं कि इन दोनों टीमों के बीच भी ज़बरदस्त टक्कर होगी. घाना और अमरीका को जर्मनी और पुर्तगाल के मैच का नतीजा पता होगा. इससे दोनों टीमों को पता होगा कि वह इस मैच में क्या करें और किस रणनीति से खेलें.
सोमवार के एक अन्य मैच को लेकर नोवी कपाडिया मानते है कि ईरान और नाइजीरिया यानी एशिया और अफ्रीका का एक और मुक़ाबला होगा.
इस विश्व कप में एशिया और अफ़्रीका के बीच पहले मुक़ाबले में तो अफ़्रीका बाज़ी मार गया जब आइवरी कोस्ट ने जापान को 2-1 से हराया.
लेकिन नाइजीरिया अफ्रीकी चैंपियन है. उसके पास विक्टर मोसेस, जॉन ओबी मिकेल जैसे खिलाड़ी है जिन्हे प्रीमियरशिप का अनुभव है.
दूसरी तरफ ईरान के कोच कार्लोस क़्विरोज़ ने कई नए ईरानी खिलाड़ी टीम मे शामिल किए हैं. इनमें रेज़ा भी हैं जो अमरीका में पले-बढ़े हैं. इसके अलावा इस टीम में कई ऐसे खिलाड़ी है जो विदेश में पेशेवर फुटबॉल खेलते है लेकिन उनकी पृष्ठभूमि ईरान की है.
नोवी कपाड़िया के मुताबिक़ यह एक बडा ही दिलचस्प और कठिन मुक़ाबला होगा. ईरान के पास अधिक अंतराष्ट्रीय अनुभव नहीं है क्योंकि वहां की राजनितिक परिस्थितियों के कारण विदेशी टीमें वहां नही खेलतीं. यही वजह है कि नाइजीरिया को इसका लाभ मिल सकता है और उसका पलड़ा भारी रह सकता है.
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