पीडि़तों को मिली थी आजादी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चांसलर एंजेला मर्केल ने साम्यवादी पूर्वी जर्मनी शासन के पीडि़तों को दीवार के अवशेषों पर गुलाब के फूलों से श्रद्धांजलि दी. चांसलर मर्केल ने कहा कि जर्मनी ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वी यूरोप में जो लोग दीवार के कारण पीडि़त हुये उनके बारे में सोचना जरूरी है. मर्केल का पालन-पोषण पूर्वी जर्मनी में ही हुआ है.
1961 में बनी थी दीवार
बर्लिन की दीवार का जर्मनी के इतिहास में बहुत ही अहम रोल था. इस दीवार का निर्माण 1961 में हुआ था. बताया जाता है कि पूर्वी जर्मनी से भागकर पश्चिमी जर्मनी जाने से रोकने के लिये बर्लिन की दीवार का निर्माण किया गया था. हालांकि बाद में यह दीवार लोगों के लिये बहुत बड़ी मुसीबत बन गई. इसके बाद साल 1989 में इस दीवार को गिरा दिया गया था, जो कि शीत युद्ध के अंत का प्रतीक बना. आपको बताते चलें कि 155 किमी लंबी यह दीवार पूरे बर्लिन में फैली थी, लेकिन अब यह मात्र तीन किमी क्षेत्र में ही बची है. इसके गिरने के एक साल के अंदर ही जर्मनी फिर से एकीकृत हो गया.
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