सर काटे गए, तो हमने 10 को मार गिराया
पड़ोसी नियम से चलेगा तो हम भी नियमों के मुताबिक चलेंगे. अगर वो नियमों को तोड़ेंगे तो स्वाभाविक है हम नियमों से बंधे नहीं रह सकते, हम भी नियम तोड़कर जवाब देंगे. इन शब्दों के साथ सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने सोमवार को दो-टूक कहा, सीमा पर पाकिस्तान की किसी भी बदनीयती का माकूल व आक्रामक तरीके से मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. बीते साल दो जवानों के सिर काटे जाने की घटना पर जवाबी भारतीय कार्रवाई की तस्दीक करते हुए जनरल ने कहा, भारतीय सेना की फायरिंग में 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. उनका साफ कहना था कि सैनिकों के सिर काटने का बदला हमने ले लिया.
जनरल ने कहा...
जवानों की गला रेत कर हत्या करने की घटना पर समय व स्थान चुनकर बदला चुकाने की बात कह चुके जनरल सिंह ने कहा, हमने भी आक्रामक कार्रवाई की है. उन्होंने 23 दिसंबर को पाकिस्तानी मीडिया में आई उस खबर का हवाला दिया जिसमें नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी में एक अधिकारी और नौ पाक सैनिकों के मारे जाने तथा 12-13 के घायल होने की बात कही गई थी. जनरल ने कहा, यह आपके सैनिकों की कार्रवाई का नतीजा था. बीते साल जनवरी में पाक सैनिकों ने आतंकियों के साथ मिलकर की गई कार्रवाई में दो भारतीय जवानों की गला रेत कर हत्या कर दी थी. घुसपैठिया पाक दस्ता एक भारतीय सैनिक का सिर काटकर अपने साथ ले गया था. वहीं अगस्त में भी पाक सैनिकों ने सीमा में घुसपैठ कर पांच भारतीय सैनिकों को मार दिया था.
आतंकियों की हलचल
नियंत्रण रेखा पर पुंछ में सोमवार को संघर्ष विराम के उल्लंघन के मुद्दे पर भी सेनाध्यक्ष बोले. उन्होंने कहा, तीन आतंकियों की हलचल देखे जाने पर भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई की. सेना दिवस की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत में जनरल सिंह का कहना था कि संघर्ष विराम का उल्लंघन स्थानीय स्तर पर युद्ध की तरह होता है. लिहाजा सीमा पर तैनात जवान व कमांडर जवाबी कार्रवाई के लिए जरूरी कदम उठाते हैं. सिंह ने कहा, भारत पुंछ की इस घटना को पाक सैन्य अभियान महानिदेशक के साथ हॉटलाइन वार्ता में भी उठाएगा.
घुसपैठ पर होगी जबरदस्त कार्रवाई
सेना प्रमुख के मुताबिक घुसपैठ के किसी भी प्रयास पर हम जबरदस्त कार्रवाई करेंगे. सीमा पार से अक्सर गोलीबारी भी घुसपैठियों की मदद के लिए ही होती है. हालांकि सोमवार को पुंछ में हुआ संघर्षविराम उल्लंघन 27 अक्टूबर के बाद दर्ज पहली घटना है. वाघा सीमा पर 24 दिसंबर 2013 को दोनों देशों की सैन्य महानिदेशकों की बैठक हुई थी जिसमें शांति बहाली के उपायों पर जोर दिया गया था. इस कड़ी में जल्द ही नियंत्रण रेखा पर दोनों मुल्कों के बीच दो ब्रिगेडियर स्तर वार्ताएं भी होनी हैं.
2003 का संघर्ष विराम तोड़ा गया
बीते एक वर्ष के दौरान नियंत्रण रेखा पर 2003 से कायम संघर्ष विराम तोड़ कर पाक की ओर से गोलीबारी की 400 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं. सीमा पर 2013 में हुई घटनाओं में 10 सैनिकों और 7 नागरिकों की मौत हुई है जबकि 11 सैनिक व 89 नागरिक घायल हुए हैं. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है. इस बीच सेनाध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि मानवाधिकार उल्लंघन के किसी भी मामले में कोई रियायत नहीं दी जाएगी. उनका कहना था कि मच्छल एनकाउंटर मामले में सेना की कार्रवाई एक सख्त संदेश देगी ताकि फर्जी एनकाउंटर न हों. हालांकि उन्होंने मामले को अदालत के विचाराधीन बताते हुए आगे टिप्पणी करने से इन्कार किया.
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