नई दिल्ली (एएनआई)। जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभालने से पहले राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद उन्होंने नए CDS के रूप में कार्यभार संभाला। इससे पहले, वह पिछले साल मई में पूर्वी सेना कमांडर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यरत थे।
पहली बार रिटायर्ड अधिकारी बना सीडीएस
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया गया है, जिसके लिए नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव की घोषणा के लिए गजट अधिसूचना जारी की गई थी। नवनियुक्त सीडीएस को साउथ ब्लॉक में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी की मौजूदगी में गाॅर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। नए सीडीएस ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे भारतीय सशस्त्र बलों में सर्वोच्च रैंक की जिम्मेदारी संभालने पर गर्व है। मैं तीनों रक्षा बलों, सरकार और देश के लोगों की प्रमुख के रूप में उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करूंगा। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा, "हम सभी चुनौतियों और कठिनाइयों से एक साथ निपटेंगे।"
40 साल का अनुभव
चौहान जनरल बिपिन रावत के बाद भारत के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं, जिनकी तमिलनाडु में पिछले साल दिसंबर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने कई कमांड, स्टाफ और सहायक नियुक्तियां की हैं और उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है। 18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।
वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं।
कमांडिंग-इन-चीफ से हुए थे रिटायर
मेजर जनरल के रैंक में, अधिकारी ने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में, लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और बाद में सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला।
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