नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और 2011 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य गौतम गंभीर ने शुक्रवार को खुलासा किया कि 1992 विश्व कप हार के बाद ही उन्होंने भारत को वर्ल्डकप जितवाने का सपना देख लिया था। एएनआई से बात करते हुए, गंभीर ने कहा कि विश्व कप की उनकी पहली याद ऑस्ट्रेलिया में खेला गया 1992 विश्वकप था। उस टूर्नामेंट में भारत के खराब प्रदर्शन से वह काफी इमोशनल हो गए थे। तब उनके भाईयों और दोस्तों ने काफी मजाक भी उड़ाया। तभी गंभीर ने ठान लिया कि वह भारत को एक दिन वर्ल्डकप जितवाएंगे।
गंभीर ने ताजा की पुरानी यादें
गंभीर ने कहा, 'मेरा जन्म 1981 में हुआ था और विश्व कप की मेरी पहली बड़ी याददाश्त 1992 की थी। रंगीन कपड़ों में और सफेद गेंद के साथ यह पहला विश्व कप था। भारत उस टूर्नामेंट से बाहर हो गया और अभियान समाप्त होने पर मैं रोया और कुछ दोस्तों ने मेरा मजाक उड़ाया तब मुझे काफी बुरा लगा। तभी मैंने सोच लिया था कि एक दिन भारत को विश्व कप जितवाउंगा।' गंभीर ने कहा कि कभी-कभी उन्हें लगता है कि उन्हें कभी विश्व कप में देश के लिए खेलने का मौका नहीं मिलेगा। लेकिन 2011 वर्ल्डकप में उनका नंबर आ गया।
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गंभीर ने फाइनल में खेली 97 रन की पारी
बाएं हाथ के बल्लेबाज रहे गंभीर ने कहा, '2011 तक, मैंने 50-ओवर का विश्व कप नहीं खेला था और कभी-कभी मुझे लगता था कि मैं अपने सपने को साकार नहीं कर पाऊंगा। लेकिन तब भगवान ने मेरी सुन ली। मुझे खुशी है कि 2 अप्रैल, 2011 को वह सुनहरा पल आया, जब भारत ने विश्वकप जीता।' बता दें गंभीर ने फाइनल में मैच विनिंग पारी खेली थी। उस मुकाबले में सचिन-सहवाग के जल्दी आउट हो जाने के बाद गंभीर ने एक छोर संभाले रखा और 97 रन की पारी खेली। गंभीर को थिसारा परेरा ने आउट किया, जबकि वह शतक से महज तीन रन दूर थे।
भारत ने जीते हैं दो विश्वकप
भारत ने 1983 में कपिल देव के नेतृत्व में अपना पहला विश्व कप जीता था और वे 2011 तक वह ट्रॉफी का इंतजार करते रहे। धोनी की कप्तानी में, भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सिर्फ एक मैच हार गया था। भारत ने सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबला जीता। फाइनल मैच टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीता था और विनिंग सिक्स धोनी ने लगाया।
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