गौरी लंकेश:
बेंगलूर में वरिष्ठ पत्रकार गौरी को हमलावरों ने उनके घर पर उन्हें गोली मारी है। सीने और सिर पर गोली लगने से उनकी मौत हो गई है। यह कन्नड़ भाषा की साप्ताहिक पत्रिका 'गौरी लंकेश पत्रिके' की संपादक भी थीं। इसके अलावा दूसरे कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं में भी कॉलम लिखती थी। गौरी लंकेश वामपंथी विचारधारा से बेहद प्रभावित थी। पत्रकार होने के साथ ही यह एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं। गौरी लंकेश समाज में गरीब और दलित वर्ग के समर्थन में हमेशा आगे खड़ी रहती थी। हिंदुत्ववादी राजनीति की मुखर आलोचक मानी जाने वाली गौरी लंकेश की लेखनी काफी धारदार थी। ऐसे में बहुत से लोग निर्भीक बेबाक पत्रकार गौरी लंकेश की लेखनी के आलोचक भी रहे हैं। खासकर दक्षिणपंथी संगठनों से इनके बड़े स्तर पर वैचारिक मतभेद के कई मामले चर्चा में रहे थे। गौरी लंकेश सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती थीं। इस प्लेटफॉर्म पर भी वह बेबाक होकर लिखती थीं।
राजदेव रंजन:
बिहार के जाने माने पत्रकार राजदेव रंजन की भी बीते साल 13 मई 2016 को सीवान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह दैनिक हिन्दुस्तान के पत्रकार थे। इनकी हत्या के मामले में सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। जिसमें हत्या का कारण राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ राजदेव रंजन की रिपोर्टिंग करना सामने आया था।
ज्योतिर्मय डे:
वहीं फेमस क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की भी हत्या की गई थी। ज्योतिर्मय डे जेडे नाम से जाने जाते थे। वह मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार थे और अंडरवर्ल्ड से जुड़ी कई बड़ी जानकारियां रखते थे। रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की 11 जून 2011 को हत्या कर दी गई। इस मामले में भी अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन जैसे लोगों के नाम सामने आए थे।
रामचंद्र छत्रपति:
पत्रकारों की हत्या की लिस्ट में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का नाम भी शामिल है। रामचंद्र ने आज जेल में बैठे रेपिस्ट डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ कभी आवाज बुलंद की थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने गुरमीत राम रहीम की काली करतूतों को वाली चिट्ठी का सांध्य दैनिक अखबार पूरा सच में प्रमुखता से प्रकाशन शुरू कर दिया था। जिसके बाद उन्हें कई धमकियां मिली और 21 नवंबर 2002 को उनकी सिरसा में अखबार कार्यालय में हत्या कर दी गई थी।
शिवानी भटनागर:
इंडियन एक्सप्रेस अखबार पत्रकार शिवानी भटनागर की 23 जनवरी, 1999 को हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या भी उनके दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में स्िथत फ्लैट में ही की गई थी। शिवानी भी काफी तेज तर्रार पत्रकार थीं। वह खोजी पत्रकारिता की शौकीन थीं। इनकी हत्या के मामले में पूर्व आईपीएस रविकांत शर्मा के अलावा तत्कालीन दूरसंचार मंत्री प्रमोद महाजन जैसी हस्तियों का नाम जुड़ा था।
दुनिया में हैं सिर्फ 2 लोग, जिन्हें फेसबुक पर ब्लॉक करना नामुमकिन है?
Interesting News inextlive from Interesting News Desk
Interesting News inextlive from Interesting News Desk