पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Ganesh Chaturthi 2022: व्यापिनी चतुर्थी को भाद्र शुक्ल चतुर्थी का व्रत किया जाता है। यदि चतुर्थी दोनों दिन पूर्णतया मध्याह्न व्यापिनी हो अथवा बिल्कुल स्पर्श न करे तो यह व्रत पहले दिन होगा। यदि चतुर्थी दोनों दिन समान या असमान रूप से मध्याह्न को व्याप्त करे तो भी पहले ही दिन व्रत होगा। यदि चतुर्थी तिथि पहले दिन मध्याह्न का स्पर्श न करे तथा दूसरे दिन ही स्पर्श करें तो यह व्रत दूसरे दिन होगा। यदि चतुर्थी तिथि मध्याह्न काल के एक भाग को स्पर्श करें एवं दूसरे दिन मध्याह्न काल मे पूर्ण रूप से व्याप्त हो तो यह व्रत दूसरे दिन ही किया जाएगा।

ये हैं चार शुभ मूहूर्त
यदि भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि के दिन रविवार अथवा मंगलवार हो तो व्रत करना विशेष प्रशस्त माना जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी पर "चित्रा नक्षत्र" में शुक्ल योग का अति शुभ योग बन रहा है। इस दिन दिनांक 31 अगस्त 2022, बुधवार को चतुर्थी तिथि सूर्योदय से अपराह्न 3:23 बजे तक, *चित्रा नक्षत्र रात्रि तक एवं शुक्ल योग रात्रि 10:45 बजे तक रहेगा वृश्चिक लग्न पूर्वाह्न 11:15 बजे से अपराह्न 1:24 बजे तक भद्रा अपराह्न 3:23 बजे तक (गणेश जी का जन्म क्योंकि भद्रा काल में हुआ था। अत: भद्रा काल का दोष नहीं मान्य है।)

योग शुभ फल देने वाला
इस बार 31 अगस्त 2022, बुधवार भाद्र पद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी *"गणेश चतुर्थी" का "शुक्ल योग " में बुधवार को आना अति शुभ है। यह योग शुभ फल देने वाला, सूर्य स्वामित्व वाला, लक्ष्मी प्रदायक, उद्योग-व्यापार के लिए श्रेष्ठ है। इस योग में श्री गणेश जी की पूजा, वन्दना, साधना एवं व्रत से विद्या, बुद्धि, सम्पदा, रिद्धी-सिद्धि की प्राप्ति एवं सभी विघ्न बाधाओं का नाश होता है।