ढह गई है तारबंदी
बीते तीन दिनों में हिमस्खलन और बर्फीले तूफान से हालांकि अभी तक कोई जान-माल की क्षति नहीं पहुंची है, लेकिन ऐसे में घुसपैठियों को रोकने के लिये लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई है. इस वजह से सेना को मौसम की इन भयानक परिस्थितियों में खासी चौकसी और सतर्कता बरतनी पड़ रही है. उस तारबंदी को बर्फबारी ने बुरी तरह से कई इलाकों में क्षतिग्रस्त कर दिया है जो पाकिस्तानी क्षेत्र से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर लगाई गई थी.
इससे पहले भी हो चुका है ऐसा
हालांकि यह ऐसा कोई पहला मौका नहीं था, जब तारबंदी को बर्फबारी ने क्षति पहुंचाई हो. हर साल बर्फबारी इन तारबंदी को भारी नुकसान पहुंचाती है. फिर सेना के जवान उसे नये सिरे से खड़ा करते हैं. इसको लेकर सेना के प्रवक्ता कहते हैं फिलहाल इसके प्रति अंदाजा लगाना कठिन है कि तारबंदी के कितने किमी के हिस्से को नुकसान पहुंचाया है. ऐसा इसलिये क्योंकि एलओसी के ऊंचाई वाले इलाकों में फिलहाल बर्फबारी रुकी नहीं थी और वहां तक सेना के जवान अभी भी पहुंचने में कामयाब नहीं हो सके थे. हां, इतना जरूर था कि बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुई तारबंदी ने सेना के लिए मुश्किल खड़ी कर दी. ऐसा भी इसलिये क्योंकि हर बार उसका यह अनुभव रहा है कि आतंकी टूटी हुई तारबंदी का सहारा लेकर सीमा के अंदर घुसने की कोशिश करते हैं.
बढ़ानी पड़ी है एलओसी पर सतर्कता
यही कारण है कि तारबंदी को नुकसान पहुंचने के बाद भी सेना को एलओसी पर चौकसी और सतर्कता को और भी बढ़ाना पड़ा है. इससे पहले भी पाक सेना इन्हीं हालातों का फायदा उठाने की कोशिश करती रही है. ऐसा भी माना जा रहा है कि एलओसी के वो रास्ते और दर्रे भारी बर्फबारी की वजह से बंद हो चुके हैं. इनका इस्तेमाल घुसपैठियों की ओर से किया जाता रहा है, लेकिन भारतीय सेना इसको लेकर किसी भी तरह का कोई रिस्क लेने के पक्ष में नहीं है.
Hindi News from India News Desk
National News inextlive from India News Desk