-मंडे सुबह इटावा में राजधानी की चपेट में आने से चार की मौत
-बर्थ पर कब्जा करने के लिए ट्रेन आने से पहले प्लेटफॉर्म के दूसरी ओर ट्रैक पर खड़े हो जाते हैं पैसेंजर्स
- रेलवे ट्रैक पर दूसरी लाइन स्पीड से आ रही ट्रेन की चपेट में आकर पैसेंजर्स गवां देते हैं अपनी जान -दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने कानपुर के कई रेलवे स्टेशनों के आउटर्स पर किया रियलिटी चेक
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KANPUR : ट्रेन में बैठते वक्त, रेलवे क्रासिंग पार करते वक्त या फिर ट्रेन के आउटर पर रूकने के वक्त आपकी छोटी सी भी लापरवाही आपके लिए 'स्वर्ग' का टिकट कटवा सकती है. ट्रेन की चपेट में आने से होने वाली मौतों को संज्ञान में लेते हुए रेलवे ने जगह-जगह पर वार्निग लगा रखी है, इसके बावजूद लोग लापरवाही करके अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं. मंडे को सुबह इटावा में भी कुछ ऐसी घटना हुई, जिसमें चार युवक जरा सी लापरवाही में अपनी जान गवां बैठे. ऐसे में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने कानपुर के अनवरगंज, कल्याणपुर, रावतपुर, गोविंदपुरी और कानपुर सेंट्रल स्टेशन के आउटर्स पर रियलिटी चेक किया. इस दौरान जो दिखा वो डराने वाला नजारा था. पैसेंजर्स खुद जान से खेलते दिखे..
ट्रेन से उतरकर खड़े हो गए
इटावा हादसे की जानकारी पर रेलवे के मुताबिक चारों युवकजिस ट्रेन में सफर कर रहे थे, वह सिग्नल प्रॉब्लम की वजह से लूप लाइन में खड़ी हो गई. चारों युवक ट्रेन से उतर कर ट्रैक पर खड़े हो गए. वहीं डाउन लाइन में गुड्स ट्रेन आने पर वह जल्दबाजी में अप लाइन रेलवे ट्रैक की तरफ दौड़े. जिससे राजधानी पास हो रही थी. जिसकी चपेट में आने से चारों की मौके पर ही मौत हो गई.
छोटे स्टेशनों पर बड़ी लापरवाही
कानपुर सिटी के छोटे स्टेशन रावतपुर, गोविंदपुरी, कल्याणपुर व अनवरगंज में इस तरह के सीन दिखना आम बात है. मंडे को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम ने देखा कि ट्रेन आने के दौरान पैसेंजर्स ट्रेन में बर्थ पर कब्जा करने के चक्कर में प्लेटफकॅर्म से रेलवे ट्रैक में उतर दूसरी ओर खड़े हो गए. दर्जनों पैसेंजर्स ऐसे मिले जोकि अपनी जान से खेलते दिखे. ऐसे में अगर अचानक दूसरे रेलवे ट्रैक में कोई सेमी हाई स्पीड ट्रेन पास होती है तो एक बड़ा हादसा होने से कोई नहीं रोक सकता है.
आरपीएफ नहीं करती कार्रवाई
रेलवे एक्ट के अनुसार रेलवे ट्रैक व बंद रेलवे क्रॉसिंग को पार करना अपराध है. जिसमें आरोपी को 500 रुपए जुर्माने के साथ सजा भी हो सकती है. कानपुर सेंट्रल, रावतपुर, कल्याणपुर, गोविंदपुरी, पनकी स्टेशन में लोग फुटओवर ब्रिज से एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के बजाए रेलवे ट्रैक पार करके दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाते हैं. जिसके खिलाफ आरपीएफ कभी कार्रवाई नहीं करती है. अगर आरपीएफ सख्ती से कार्रवाई करे तो लोग ट्रैक पर उतरना बंद कर देंगे.
इसका रखें ध्यान
- एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर फुटओवर ब्रिज का ही प्रयोग करें
- प्लेटफार्म पर रेंग रही ट्रेन से न ही उतरें और न ही चढ़ें
- ट्रेन के आने के दौरान बर्थ पर कब्जा करने की जल्दबाजी में प्लेटफार्म से ट्रैक में उतर कर दूसरी ओर न खड़े हों
- जल्दबाजी में बंद रेलवे क्रासिंग के नीचे से पार न करें
- कोच के पावदान में बैठ कर सफर न करें
- रेलवे ट्रैक में बने शॉर्ट कट का उपयोग कभी न करें
- रेलवे क्रासिंग पार करते समय हेडफोन का यूज बिल्कुल न करें
रेलवे एक्ट में क्या है क्राइम?
कानपुर सेंट्रल स्टेशन आरपीएफ इंस्पेक्टर पीके ओझा ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर चलना व बंद रेलवे क्रासिंग पार करना रेलवे एक्ट की धारा 147 के अंतर्गत अपराध है. जिसमें आरोपी को 500 से एक हजार रुपए जुर्माना व छह माह से एक साल की सजा भी रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा सुनाई जा सकती है.
इन घटनाओं पर दीजिए ध्यान
- 4 माह पूर्व पनकी में दो गैंगमैन गुड्स ट्रेन से कट गए थे
- 5 माह में मुरे कंपनी पुल के नीचे 6 लोगों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई
- 1 सप्ताह पूर्व पनकी में ट्रेन से गिर युवक की हुई मौत, सदमे में मां ने भी तोड़ा था दम
- 2 वर्ष पूर्व स्वतंत्रता सेनानी के नाती की आईआईटी गेट के पास ट्रेन की चपेट में आने से दोनों पैर कट गए थे
- 6 माह पूर्व एक महिला अधिकारी की गोल चौराहा पर रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी
कोट
पब्लिक को अवेयर करने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं. पैसेंजर जल्दबाजी व लापरवाही में घटना का शिकार हो जाते हैं. सफर व ट्रेन में चढ़ने-उतरने के दौरान सावधानी बरतना बहुत जरूरी है. पब्लिक अगर अलर्ट रहेगी तो फिर हादसों से बचाव जरूर होगा. रेलवे अपने प्रयास भी जारी रख रहा है.
अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर