सावन के चौथे सोमवार पर भक्त भगवान शंकर के साथ मां गौरी की पूजा करें तो उन पर असीम कृपा बरस सकती है। ज्योतिषशाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार, इस विशिष्ट पर्व पर शिव और शक्ति का खास पूजन करने से शत्रुओं से छुटकारा मिल सकता है तथा गाड़ी-बंगले की इच्छा भी पूरी हो सकती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, चन्द्रमा कुण्डली के चौथे भाव का प्रतिनिधित्व करता है। चौथा भाव गाड़ी-बंगले और माता का प्रतीक माना जाता है। जिस किसी व्यक्ति की कुण्डली में चौथा भाव कमजोर है या बलहीन है, उन लोगों को विशेष पूजन से शीघ्र अति शीघ्र गाड़ी-बंगले की प्राप्ति हो सकती है।
पूजन—विधि
सावन के चौथे सोमवार को सफेद शिवलिंग की पूजा करें। साथ ही गौरी और चन्द्रमा का पूजन भी करें। सबसे पहले शिवलिंग और गौरी को जल अर्पित करें। दूध में शहद मिलाकर शिव और गौरी का अभिषेक करें। शिवलिंग पर बिल्व पत्र और गौरी पर सफेद रंग के फूल अर्पित करें। फिर शिवलिंग पर चंदन से त्रिपुण्ड बनाएं। देवी गौरी पर चंदन से लेप लगाएं। दूध से बना कोई भी मिष्ठान शिव और गौरी को अर्पित करके बांट दें। इस मंत्र का जाप करें।
मंत्र:
ह्रीं गौरीशंकराय नमः ह्रीं॥
पूजन के बाद का उपाय
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए चांदी का एक चौकोर टुकड़ा गौरी और शिवलिंग पर स्पर्श करवाकर किसी पारदर्शी कांच की बोतल में डालकर गंगा जल भरकर घर की उत्तर पश्चिम दिशा में छिपा कर रख दें। अगले सावन तक आपके बंगले व गाड़ी की इच्छा जरूर पूरी होगी।
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