लाहौर (आईएएनएस)। भारत की स्पिन गेंदबाजी हमेशा से अच्छी रही है। भारत के पास हमेशा बेहतरीन गेंदबाज रहे, जो बल्लेबाजों को अपनी उंगलियों पर नचाते थे। ऐसे ही तीन स्पिनर्स थे, बिशन सिंह बेदी, भगवत चंद्रशेखर और ईरापल्ली प्रसन्ना। इन तीनों की जोड़ी के आगे बड़े-बड़े बल्लेबाज नतमस्तक हो जाते थे, मगर ये जब 1978-79 में पाक दौरे पर गए तो विरोधी बल्लेबाजी नें इनकी जमकर पिटाई थी। उस दौरे को याद कर पाकिस्तानी खिलाड़ी अक्सर खुश होते हैं।
भारतीय स्पिन तिकड़ी को किया था फ्लॉप
पूर्व पाक क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने उस दौरे को फिर से याद किया और बताया कि कैसे भारतीय स्पिन तिकड़ी को फ्लॉप किया था। अपने यूट्यूब चैनल में मियांदाद ने बताया कि, 1978-79 में भारतीय टीम जब उनके यहां टेस्ट खेलने आई तो मेजबानों ने भारत को 2-0 से हराया था। उस सीरीज में मैंने और अब्बास ने भारतीय स्पिनर्स को खूब धोया। मियांदाद कहते हैं, 'चंद्रशेखर, बेदी, प्रसन्ना ... भारत की ताकत उनके स्पिनर थे। उन्होंने दुनिया भर में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन जब वे यहां (पाकिस्तान) आए, तो उनका सारा जादू गायब हो गया। हमारे बल्लेबाजों ने इन गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन बनाए।
प्लॉनिंग के साथ की बैटिंग
मियांदाद ने फैसलाबाद में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट को याद किया और कहा कि वह और अब्बास भारतीय स्पिनरों के साथ खेल रहे थे। जावेद कहते हैं, 'मुझे याद है कि चंद्रशेखर के खिलाफ जहीर भाई को कुछ परेशानी हो रही थी। तब उन्होंने मुझसे कहा, जावेद तुम इससे निपटो। मैं तैयार हो गया। इस बीच, दूसरे छोर से, जहीर भाई बेदी साहब और प्रसन्ना के खिलाफ बल्लेबाजी करने में सहज थे। फिर हम कई ओवर्स तक इसी प्लॉनिंग के साथ बैटिंग करते रहे।'
भारत को 0-2 से हराया
जावेद कहते हैं, फिर मैनें अब्बास से कहा, ''जहीर भाई मुझे भी बेटी और प्रसन्ना के खिलाफ खेलना है। इसके बाद हम दोनों ने भारतीय स्पिन तिकड़ी का तोड़ निकाला और पहला मैच ड्रा कराया। मियांदाद कहते हैं, "मैंने उस पारी में (154) और अब्बास ने (176) रन बनाए और मैच ड्रॉ में समाप्त हुआ।' लाहौर में दूसरे टेस्ट में, भारतीय स्पिनरों के लिए अभी भी कोई राहत नहीं थी क्योंकि अब्बास ने शानदार बैटिंग की और पाकिस्तान आठ विकेट से जीता। कराची में अंतिम टेस्ट में, मियांदाद ने शतकीय पारी खेली और भारत टेस्ट हार गया। इस तरह पाक ने वो सीरीज 2-0 से अपने नाम की। चंद्रशेखर ने उस श्रृंखला में 48.12 के औसत से आठ विकेट लिए, जबकि बेदी ने छह विकेट झटके। वहीं प्रसन्ना श्रृंखला में खेले गए दो मैचों में 125.50 की औसत से सिर्फ दो विकेट लेने में सफल रहे।
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