वे पूर्व प्रधानमंत्री साद हरीरी के सलाहकार थे.
धमाके के बाद सरकारी कार्यालयों और संसद के पास एक कार को जलते देखा गया.
बीबीसी संवाददाताओं के मुताबिक़ सीरिया में हिंसा के कारण लेबनान में शिया-सुन्नी संघर्ष में बढ़ोत्तरी हुई है.
लेबनान के शिया चरमपंथी संगठन हिज़बुल्लाह ने सीरिया में अपने लड़ाके भेजे हैं, ताकि वे राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का समर्थन करें.
लेकिन सीरिया के कुछ विद्रोही संगठन अल क़ायदा के सुन्नी मुस्लिम नेटवर्क से जुड़े हुए हैं.
हिज़बुल्लाह का समर्थन करने वाले ईरान के बेरूत स्थित दूतावास पर भी पिछले महीने हमला हुआ था.
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