कमल से मिलाया हाथ
सोमवार का दिन कांग्रेस पार्टी के लिये कुछ अच्छा नहीं रहा. दरसअल पार्टी प्रवक्ता अजय माकन दिल्ली के कई नेताओं के साथ AICC मुख्यालय में अरविंद केजरीवाल के यू-टर्न के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे. इस बीच किसी ने माकन से कृष्णा तीरथ के पार्टी छोड़ने के बारे में पूछ दिया, जिसके जवाब में अजय माकन कुछ नहीं बोल सके. हालांकि थोड़ी देर बाद पार्टी ने कहा कि ये बीजेपी की निराशा को दिखाता है, जो दूसरी पार्टी से आने वाले नेताओं के सहारे ही चुनाव जीतने की कोशिश में है. बीजेपी के पास कोई दमदार उम्मीदवार नहीं है इसीलिये वो लोग अन्य पार्टियों में सेंध लगा रहे हैं.

कांग्रेस की स्टार प्रचारक में नाम
आपको बताते चलें कि बीजेपी में शामिल हुईं कृष्णा तीरथ यूपीए सरकार की एक अहम नेता थीं. वे दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहीं थीं. इसके अलावा यूपीए सरकार में भी पार्टी ने उन्हें मंत्री पद दिया था. कांग्रेस पार्टी का कृष्णा तीरथ पर काफी भरोसा था. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी उन्हें स्टार कैंपेनर की लिस्ट में शामिल करने जा रही थीं, लेकिन इसके पहले ही वो पार्टी छोड़कर चली गईं.

आपसी मनमुटाव है असली वजह
सूत्रों की मानें तो, कृष्णा तीरथ की पार्टी छोड़ने की मुख्य वजह आपसी मनमुटाव है. दरअसल तीरथ कांग्रेस का दलित चेहरा रही हैं. वे पटेल नगर से टिकट चाहती थीं, लेकिन पार्टी ने वहां अपने पुराने कैंडिडेट राजेश लिलोठिया का टिकट काटने से मना कर दिया. इसके बाद तीरथ की पार्टी से अनबन चलने लगी. फिलहाल कृष्णा तीरथ का कांग्रेस पार्टी को छोड़ने का फैसला कितना सही साबित होता है, यह तो वक्त बतायेगा. वहीं कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि तीरथ के जाने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि जो दलित राजनीति उनका मजबूत आधार रहा है वह बीजेपी के एजेंडे में फिट नहीं बैठता.

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