वक्त
सही कॉलेज के चुनाव में समय व प्रयास लगता है। जिसके लिए पहले से जानकारी जुटानी और कई बार लंबी आवेदन प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसलिए मिशन एडमिशन की तैयारी न अचानक हो सकती है और न इसे आखिरी समय के लिए छोड़ा जा सकता है।
दोस्ती-यारी
कई बार आप अपने स्कूेल के दोस्तों के करीब रहने के लिए किसी कॉलेज में एडमिशन ले लेते हैं। मिशन एडमिशन को पूरा करने का यह सबसे बेहतर तरीका नहीं है। कॉलेज या कोर्स का चयन अपनी रुचियों और लक्ष्यों को ध्यायन में रखकर किया जाना चाहिए न कि दोस्तों की।
परंपरा
किसी कॉलेज का चयन सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहिए कि उसमें आपके परिवार के सदस्य या माता पिता पढ़े हैं। पढ़ाई और करियर में परंपरा निभाना जरूरी नहीं है. इसकी बजाय ध्याम इस बात पर दिया जाना चाहिए कि कोर्स व कॉलेज आपकी पर्सनॉलिटी और लक्ष्यों से मेल खाता हो।
उम्मीद
कई बार हम पहले से मानकर बैठे होते हैं कि किसी कॉलेज विशेष में एडमिशन नहीं ही मिलेगा। इसलिए उसका फार्म भरने की जहमत ही नहीं उठाते। थोड़ा रिएलिस्टिक होकर सोचिए और कोशिश करने में तो कोई हर्ज नहीं है।
दूरी
ऐसा अकसर होता है कि कॉलेज के चयन में दूरी को सब कुछ मान बैठते हैं। मिशन एडमिशन के दौरान कॉलेज चुनने में लोकेशन एक अकेली नहीं बल्कि कई कारणों में से एक होनी चाहिए।
रुपैय्या
मिशन एडमिशन के दौरान सिर्फ पढ़ाई पर होने वाले खर्च के बारे में सोचना या उसके बारे में एकदम ही न सोचना दोनों को ही ठीक नहीं ठहराया जा सकता। यहां भी रिएलिस्टिाक एप्रोच की जरूरत है। पहली प्रॉयरिटी हमेशा सही कॉलेज चुनने की होनी चाहिए।
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