बॉस्टन (पीटीआई)। एमआईटी के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला ऐसा फ्लेक्सिबल डिवाइस का निर्माण किया है, जो वाई-फाई सिग्नल से एनर्जी को बिजली में बदल सकता है। डिवाइस, जो एसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स या वाई-फाई के सिग्नल को डीसी बिजली में बदलता है, उसे 'रेक्टेना' नाम दिया गया है। जर्नल नेचर में प्रकाशित शोधकर्ताओं की स्टडी के अनुसार, यह डिवाइस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स को कैप्चर करने के लिए एक फ्लेक्सिबल रेडियो-फ्रीक्वेंसी (आरएफ) एंटीना का इस्तेमाल करता है, जिसमें एसी वेवफॉर्म के रूप में वाई-फाई कैरी करने वाले वेव भी शामिल है। इस एंटीना को नावेल डिवाइस से जोड़ा जाता है, जो दो आयामी सेमीकंडक्टर से बने होते हैं।
वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका,वाई-फाई से बनेगी बिजली!
बड़े इलाकों के लिए सुविधाजनक
डिवाइस में एसी सिग्नल सेमीकंडक्टर से गुजरते हैं, जो इसे एक डीसी वोल्टेज में परिवर्तित करता है जिसका उपयोग बिजली बनाने या किसी भी बैटरी को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। इसी तरह, बैटरी-मुक्त यह डिवाइस वाई-फाई सिग्नल से बिजली बनाने में मदद कर सकता है। बता दें कि इस डिवाइस की खास बात यह है कि इसे बहुत बड़े क्षेत्रों को कवर करने के लिए रोल-टू-रोल प्रोसेस में भी तब्दील किया जा सकता है। अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के एक प्रोफेसर टॉमस पालासियोस ने कहा, 'हम बिजली बनाने के लिए एक नया तरीका लेकर आए हैं, वाई-फाई ऊर्जा से बिजली बनाना एक तरह से बड़े इलाकों के लिए सुविधाजनक साबित होगा, हमारे आस-पास की हर चीजें तेज हो जाएंगी।' बता दें कि रेक्टेना डिवाइस में पॉवरिंग फ्लेक्सिबल, वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइस और 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' के लिए एक सेंसर शामिल हैं।
वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका,वाई-फाई से बनेगी बिजली!

अल्जाइमर से बचना है तो अच्छी नींद बहुत जरुरी

चीन में वैज्ञानिकों ने पांच बंदरों का बनाया क्लोन, मानव रोग पर करेंगे रिसर्च

 

International News inextlive from World News Desk