आइए जाने वो पांच खास बातें जिनसे सलमान साबित हुए मुजरिम और उन्हें किन धाराओं में सजा सुनायी गयी.

अशोक सिंह है झूठा: इस केस में सलमान के बचाव पक्ष के पेश किए गए चश्मदीद गवाह अशोक सिंह को, जो सलमान का ड्राइवर है न्यायधीश ने स्वीकार नहीं किया. उन्होंने ये दलील खारिज कर दी कि अशोक उस रात गाड़ी चला रहा था, न कि सलमान.  

क्यों नहीं देखने पहुंचे अस्पताल: जज का कहना कि सलमान ने क्यों उस रात घायल हुए लोगों को हॉस्पिटल देखने जाने की जरूरत नहीं समझी और उन्हें किसी तरह की चिकित्सकीय सुविधा क्यों नहीं मुहैया करवाई गई. सलमान ने घटनास्थल पर पुलिस के साथ दोबारा जाना भी मुनासिब क्यों नहीं समझा.

सलमान ने लोगों को नहीं किया आश्वस्त: अगर सलमान ने यह ऐक्सिडेंट नहीं किया तो उन्हें लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहिए था कि दोषी ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ऐसा कुछ क्यों  नहीं किया.

क्यों दुर्घटना स्थल से भागे: सलमान के जजमेंट में कहा गया कि अगर सलमान खुद को र्निदोष कहते हैं तो ऐक्सिडेंट के बाद वारदात की जगह से पुलिस के आने का इंतजार किए बिना क्यों भागे और पुलिस स्टेशन जाने की बजाय वह अपने घर चले गए और सुबह 10.30 तक खुद वहां से नहीं निकले बल्कि पहली बार में पुलिस को वहां नहीं मिले.

खुद क्यों नहीं लिखाई रिर्पोट: जज का मानना है कि अगर वाकई सलमान खान दोषी नहीं थे तो उन्हें खुद पुलिस स्टेशन जाकर मामले की रिर्पोट लिखानी चाहिए थी.

किन धाराओं में हैं दोषी

304-2 : गैरइरादतन हत्या का आरोप

279 : लापरवाही से गाड़ी चलाना

337 व 338 : जान जोखिम में डालना और गंभीर आघात पहुंचाना

427 : संपत्ति को नुकसान पहुंचाना

मोटर वाहन अधिनियम:

34-ए, बी और 181 : यातायात नियमों का उल्लंघन कर गाड़ी चलाना

185 : शराब पीकर तेज गति से गाड़ी चलाना

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