एक बड़ा सवाल जो हम सबके दिमाग में अक्सर कौंधता है, वो ये है कि इस ब्रह्मांड में सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन है या फिर किसी और ग्रह पर भी.
खगोल विज्ञानी इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए सुदूर तारामंडल की खोज में दशकों से जुटे हैं. शोधकर्ताओं के एक दल ने एक ऐसे ग्रह के साक्ष्य जुटाए हैं जो धरती के जैसा हो सकता है. यही नहीं बल्कि सौर मंडल के बाहर पांच ऐसे ग्रह हो सकते हैं जहाँ जीव की संभावना हो सकती है.
तो हम पृथ्वी के समान इन पाँच ग्रहों के बारे में क्या जानते हैं और वहाँ किस तरह से जीवन संभव हो सकता है?
'ग्लीज़ 581जी'
हमारे सौर मंडल से बाहर के एक ग्रह 'ग्लीज़ 581जी' में जीवन की सबसे अधिक संभावना हो सकती है.
अमरीकी शोधकर्ताओं के एक दल ने सितंबर 2010 में 'ग्लीज़ 581जी' की खोज की घोषणा की थी, लेकिन जैसे ही उन्होंने इसकी घोषणा की, इस पर सवाल उठने लगे.
लेकिन 'ग्लीज़ 581जी' के मूल खोजकर्ताओं ने अब इसके अस्तित्व को प्रमाणित करने संबंधी साक्ष्य और विश्लेषण प्रकाशित किया है.
'ग्लीज़ 581जी' पृथ्वी से 20.5 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं.
एक प्रकाश वर्ष यानी वह दूरी जो प्रकाश की गति से एक वर्ष में तय की जा सकती है. एक प्रकाश वर्ष में लगभग 10 खरब किलोमीटर होते हैं.
पृथ्वी समानता सूचकांक
ग्लीज़ 581जी' का द्रव्यमान पृथ्वी से दोगुना है और 'अर्थ सिमिलैरिटी इंडेक्स (ईएसआई)' यानि पृथ्वी से समानता सूचकांक की सूची में 'ग्लीज़ 581जी' को पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब बताया गया है. इसे 0.92 अंक मिले हैं.
दरअसल वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दूसरे ग्रहों में जीवन संभावना के लिए दो तरह की सूची तैयार की है.
एक सूची उन ग्रहों या चंद्रमाओं की है जो पृथ्वी जैसे हैं इसे 'अर्थ सिमिलैरिटी इंडेक्स (ईएसआई)' का नाम दिया गया.
दूसरी सूची उनकी जहाँ जीवन पनपने की संभावना दिखती है, इसे 'प्लैनेटरी हैबिटेबिलिटी इंडेक्स (पीएचआई)' का नाम दिया गया.
'ग्लीज़ 667सीसी'
फरवरी 2012 में अमरीकी और जर्मन शोधकर्ताओं की टीम ने 'ग्लीज़ 667सी' की घोषणा की. इस ग्रह को ‘सुपर अर्थ’ वाले ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. इसकी धरती पृथ्वी और मंगल की तरह पथरीली है साथ ही बृहस्पति व शनि की तरह गैस के छल्ले हैं.
'ग्लीज़ 667सीसी' का द्रव्यमान पृथ्वी का साढ़े चार गुना है और 'अर्थ सिमिलैरिटी इंडेक्स' यानि पृथ्वी से समानता सूचकांक में इसे 0.86 अंक मिले हैं.
'ग्लीज़ 667सीसी' पृथ्वी से 22 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है और अपने सूर्य की कक्षा का चक्कर 28 दिन में पूरा करता है.
ये भी अपने सूर्य से ठीक उसी तरह ऊर्जा प्राप्त करता है जैसा कि पृथ्वी अपने सूर्य से करती है. इसका मतलब ये है कि यहाँ का तापमान पृथ्वी की तरह का हो सकता है.
इससे पानी की मौजूदगी की परिस्थितियां बनती हैं जो कि जीवन के लिए महत्वपूर्ण शर्त है.
‘केप्लर 22बी’
2009 में जब से नासा के केप्लर टेलिस्कोप ने काम शुरु किया है तब से ही इसने 2,300 संभावित खोज की है, लेकिन इनमें से ‘केप्लर 22बी’ की ही ऐसे ग्रह के रुप में पुष्टि हुई है जो पृथ्वी जैसा हो सकता है.
ये आकार में पृथ्वी से लगभग ढाई गुना बड़ा है और वहाँ का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है.
पृथ्वी अपने सूरज से जितनी दूर है उसके मुक़ाबले ‘केप्लर 22बी’ अपने सूरज से लगभग 15 फ़ीसदी नज़दीक़ है. इस तरह वहाँ एक साल 290 दिनों का होता है.
मगर उस सूरज में 25 प्रतिशत कम रोशनी है. इस वजह से ‘केप्लर 22बी’ का तापमान भी बहुत ज़्यादा नहीं है
‘एचडी 85512बी’ और 'ग्लीज़ 581 डी'
‘एचडी 85512बी’ का द्रव्यमान हमारी पृथ्वी का तुलना में साढ़े तीन गुना है.
'अर्थ सिमिलरिटी इंडेक्स यानि पृथ्वी से समानता सूचकांक में इसे 0.77 अंक मिले हैं. ये पृथवी से 35 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं.
2007 में जिनेवा के शोधकर्ताओं की एक टीम ने चिली में मौजूद अपने उपकरणों से 'ग्लीज़ 581 डी' की खोज की थी.
शोधकर्ताओं का कहना है कि 'ग्लीज़ 581 डी' का द्रव्यमान पृथ्वी का साढे़ पाँच गुना है और 'अर्थ सिमिलैरिटी इंडेक्स यानि पृथ्वी से समानता सूचकांक में इसे 0.72 अंक मिले हैं. ये पृथवी से 20.3 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं.
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