अशोक कुमार ने नाम दिया पंचम
पंचम संगीत का एक सुर होता है जो काफी हाई नोट है। बचपन से सुरीले आरडी बर्मन बेहद ऊंचे स्वर में रोते थे और शायद वो भी लोगों को सुरीला लगता था। इसीलिए एक बार वेटेनर एक्टर अशोक कुमार ने उनका रोना सुन कर कहा कि ये तो पंचम सुर में रोता है और तभी से उनका निक नेम पंचम हो गया। बाद में प्यार से लोग उन्हें पंचम दा कहने लगे।
आशा थीं दूसरी पत्नी
आर डी बर्मन ने आशा भोसले से शादी की थी। दोनों की ये दूसरी शादी थी। आशा जी के बारे में तो सभी जानते हैं कि उनकी पहली शादी का अनुभव काफी दुखद रहा था। पंचम ने भी 1966 में पहली शादी रीता पटेल से की थी और 1971 में उनका तलाक हो गया था। इसके बाद 1980 में उन्होंने आशा जी से शादी की और अपनी मृत्यु तक वे साथ रहे।
अली अकबर खान भी रहे हैं गुरू
आरडी बर्मन को उनके पिता सचिन देव बर्मन, जो खुद हिन्दी सिनेमा के बड़े संगीतकार थे, ने बचपन से ही संगीत की दांव-पेंच सिखाना शुरु कर दिया था। पर इसके अलावा उन्होंने फेमस सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान से भी शिक्षा ग्रहण की और सरोद बजाना सीखा।
बचपन से बनाते थे धुन
पंचम ने बचपन से ही अपना टैलेंट जाहिर करना शुरू कर दिया था। केवल नौ बरस की उम्र में उन्होंने अपना पहला संगीत ”ऐ मेरी टोपी पलट के” को दिया, जिसे फिल्म 'फ़ंटूश' में उनके पिता ने इस्तेमाल किया। उसके बाद उन्होंने काफी कम उम्र में “सर जो तेरा चकराये …” की धुन तैयार कर ली थी जिसे बाद में गुरुदत्त की फ़िल्म 'प्यासा' में ले लिया गया।
डेब्यु फिल्म
हालाकि बतौर स्वतंत्र संगीतकार आरडी बर्मन ने फिल्म 'छोटे नवाब' से 1961 में डेब्यु किया और उन्हें पहली बड़ी सक्सेज 1966 में फिल्म 'तीसरी' मंजिल के गानों से मिली। पंचम दा के संगीत निर्देशन वाली आखिरी फिल्म '1942 अ लव स्टोरी' थी।
गायक भी थे आरडी
सभी जानते हैं कि पंचम बेहद अच्छे गायक भी थे, लेकिन कम लोग जानते हैं कि उन्होंने कुल कितने गाने गाये हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उन्होंने अपने संगीत निर्देशन में बनी 18 फिल्मों में कई गीतों को अपनी आवाज दी है।
अभिनय में भी हाथ आजमाया
जीहां संगीत और गायकी के लिए मशहूर आरडी बर्मन ने अभिनय में हाथ आजमाया था। फिल्म भूत बंगला (1965 ) और प्यार का मौसम (1969) में इन्होने अभिनय भी किया था।
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