टेरिटोरियल आर्मी का काम

टेरिटोरियल आर्मी यानी कि प्रादेशिक सेना प्रादेशिक सेना की स्थापना 9 अक्तूबर 1949 को की गई थी। इस आर्मी शामिल जवान युद्ध के समय या फिर किसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। इस आर्मी में वे लोग शामिल हो सकते हैं जिनके अंदर देश की सुरक्षा का जज्बा है और वे भारतीय सेना में नहीं शामिल हो पाए हैं। इस आर्मी में युवाओं के अलावा पूर्व सर्विस अफसर भी ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि इस आर्मी में केवल भारतीय नागरिकों को ही शामिल किया जाता है।

territorialarmyday: आइए जानते हैं क्‍या करती है ले. कर्नल कपिल देव और ले. कर्नल धोनी वाली आर्मी

ऐसे होता है चयन और प्रशिक्षण

टेरिटोरियल आर्मी इंडियन आर्मी की एक इकाई के रूप में काम करती है। आवेदक की स्क्रीनिंग इंफैंट्री बटालियन (टीए) के अधिकारी प्रीलिमिनरी इंटरव्यू बोर्ड (पीआईबी) के जरिए करते हैं। इस दौरान आवेदक को अपने से जुड़ी हर जानकारी साझा करनी होती है। यहां पास होने के बाद सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) व मेडिकल की स्क्रीनिंग भी पास करनी होती है। वहीं इसमें शामिल होने युवाओं को हर साल कुछ दिनों का सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे कि जब भी जरूरत हो जवान तैयार रहें।

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कपिल देव

इंडियन क्रिकेटर कपिल देव अपने अंदर भी देश सुरक्षा की भावना के चलते टेरिटोरियल आर्मी में शामिल हो चुके हैं। कपिल देव 24 सितंबर 2008 को टेरिटोरियल आर्मी में शामिल हुए थे। इसमें इन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। क्रिकेटर कपिल देव पंजाब रेजीमेंट की 150 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन में शामिल हुए थे। नियुक्ति के समय इंफैंट्री बटालियन (टीए) के अतिरिक्त महानिदेशक ने उन्हें टीए का ब्रांड एंबेसडर बताते हुए कहा था कि इससे देश के युवाओं में जोश बढ़ेगा।

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मोहनलाल विश्वनाथन नायर

मोहनलाल विश्वनाथन नायर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध अभिनेताओं में से एक है। भारत की टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक प्राप्त करने वाले पहले और एकमात्र अभिनेता हैं। देश सेवा की भावना रखने वाले मोहनलाल ने यह रैंक 2009 में प्राप्त किया। इसके बाद इन्होंने अपने प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए टेरिटोरियल आर्मी में डिपार्टमेंट में इसकी सूचना दी। ऐसे में 2010 में कानपुर में टेरिटोरियल आर्मी के 122 इन्फैंट्री बटालियन में प्रशिक्षण लेने के बाद वह इसमें शामिल हो गए।

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एम.एस.धोनी

इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी टेरिटोरियल आर्मी में शामिल हो चुके हैं। धोनी को 2011 में एलिट पैराशूट रेजीमेंट में ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई थी। महेंद्र सिंह धोनी टेरिटोरियल आर्मी में काफी मेहनत करते हैं। वहीं इस पद पर नियुक्ति के समय धोनी का कहना था कि उन्हें बचपन से आर्मी से गहरा प्रेम था। ऐसे में उन्होंने टेरिटोरियल आर्मी में शामिल होकर अपनी इच्छा पूरी की।

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सचिन पायलट

सचिन पायलट में भी देश सेवा की भावना रही और यह भी टटेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा बनकर काफी मेहनत करते हैं। इस आर्मी में इन्होंने एक लेफ्टिनेंट के तौर पर काम किया। सचिन पायलट इस पद को पाने वाले पहले केंद्रीय मंत्री हुए। वह 2012 में सिख रेजिमेंट के टीए बटालियन में शामिल हुए। सचिन ने पश्चिमी कमान में पीआईबी के इंटरव्यू में सफलता हासिल की थी। इसके बाद बैंगलोर में एसएसबी की परीक्षा और मेडिकल टेस्ट पास किया था। सचिन के पिता भारतीय वायु सेना में पायलट और दादा सेना में एनसीओ थे।

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अनुराग ठाकुर

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष व लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर का नाम भी इसमें शामिल है। अनुराग ठाकुर 2016 में टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुए। उन्होंने सर्विसेज सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा पास करने के बाद इस  टेरिटोरियल आर्मी में ज्वाइनिंग की। अनुराग ठाकुर की नियुक्ति 124 इंफैंट्री बटालियन (टीए) सिख में की गई है। अनुराग ठाकुर का कहना है कि यह उनके बचपन का सपना था। ऐसे में टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है।

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